ऊना में स्थापित होगा इथेनॉल संयंत्र स्थापित, रोज़गार के अवसर होंगे प्राप्त 

वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को भी कम करने में करेगा मदद

CM SUKHVINDER SINGH SUKHU
CM SUKHVINDER SINGH SUKHU

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

Ads

 

 

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सतत प्रयासों के फलस्वरूप केंद्र सरकार ने ज़िला ऊना में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। यह प्लांट 500 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। इथेनॉल उत्पादन के लिए चावल, गन्ना और मक्का का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। इसलिए यह योजना क्षेत्र के किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगी।

 

इस संयंत्र के लिए कच्चा माल जिला कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना से खरीदा जाएगा। इसके अलावा यह संयंत्र कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और प्रदेश के अन्य हिस्सों के स्थानीय लोगों और किसानों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इस संयंत्र के स्थापित होने से क्षेत्र के लगभग 300 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। यह परियोजना राज्य में तीव्र गति से विकास सुनिश्चित करेगी और प्रदेश को जीएसटी के रूप में सरकारी खजाने के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित होगा।

 

यह भी पढ़े:- मिड डे  मील वर्कर्स यूनियन  ने शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी अपनी यह प्रमुख मांगे, आप भी पढ़िए 

राज्य सरकार ने परियोजना में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी (इक्विटी) निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है। सरकार संयंत्र की स्थापना के लिए कम्पनी को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि संयंत्र के निर्माण में आ रही सभी बाधाओं का शीघ्र निवारण किया जाए। भंजल से सम्पर्क सड़क के लिए 10 दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करने को कहा गया है।

 

इथेनॉल एक पारदर्शी और रंगहीन तरल है। इसे इथाइल अल्कोहल, ग्रेन अल्कोहल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्टार्च या चीनी-आधारित फीड स्टाक मक्की के दाने, गन्ना, फसल के अनुपयोगी पदार्थों जैसे सेल्यूलोसिक फीड स्टाक से उत्पादित किया जाता है। अनाज के कच्चे माल से उत्पन्न होने वाले इथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाया जाता है। यह वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा जिससे राज्य में पर्यावरण संरक्षण को मदद भी मिलेगी।