प्रदेश में यदि सब कुछ ही बंद कर देना है तो सरकार का काम क्या है? – राणा

 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
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हमीरपुर। पंचायती चुनावों की गहमा-गहमी के बीच लगातार प्रदेश की जनता की समस्याओं की पैरवी करते आ रहे राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि केंद्र की तर्ज पर अगर प्रदेश में सब कुछ ही बेचना या बंद कर देना है तो सरकार बताए कि सरकार का काम क्या है? 17 स्वास्थ्य संस्थानों को बंद करने के बाद अब सरकार ने कहा है कि वह आने वाले 2 साल में जम कर काम करेंगे। प्रदेश के मुखिया के इस संवाद से साबित हो जाता है कि सरकार पिछले तीन सालों में जनता की भावनाओं के अनुरूप कोई काम नहीं कर पाई है। जिसका आक्रोश जनता के साथ-साथ विपक्ष में ही नहीं बल्कि बीजेपी के विधायकों व कार्यकर्ताओं तक देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार बता रही है कि हमनें फिजूलखर्ची रोकी है। फिजूलखर्ची कहां और कैसे रोकी है इसके लिए सरकार जन अदालत में श्वेत पत्र जारी करे ताकि सरकार की हवा हवाई बातों की जमीनी स्तर पर पड़ताल हो सके। उन्होंने कहा कि टेबल पर बैठकर घोषणाएं करना अलग बात है जबकि जमीनी स्तर पर उनकी हकीकत बताना बड़ी और बात है, जो कि बीजेपी सरकार नहीं कर पा रही है। राणा ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री अपनी सरकार में बोर्डों, निगमों के अध्यक्षों व मंत्री पदों के खाली होने का हवाला दे रहे हैं। उसकी असलीयत यह है कि सरकार में विस्तार का फैसला लेने में केंद्र से नियंत्रित बीजेपी सरकार सक्षम ही नहीं है। इस हकीकत को सरकार तो भली भांति जानती ही है लेकिन अब प्रदेश की जनता भी जान चुकी है कि जैसे ही अपने स्तर पर सरकार ने कोई फैसला लिया तो केंद्र का चाबुक सरकार की खाल उधेड़ देगा।

वास्तविकता यह है कि केंद्र के पास गिरवी प्रदेश सरकार अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने के हक हकूक भी खो बैठी है। जिस कारण से अब सरकार ऐसे अनर्गल प्रलाप कर रही है। राणा ने कहा कि जहां तक बीजेपी सरकार और संगठन में तालमेल का सवाल है। आज प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है कि सरकार और संगठन एक दूसरे के निशाने पर हैं और अब यह तो बीजेपी के सार्वजनिक मंचों से भी साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि अपने मुंह मिट्ठु बनने वाली इस सरकार की तारीफ या तो केंद्र में बैठे कुछ नेता कर रहे हैं या सरकार खुद अपनी पीठ थपथपा रही है। जबकि प्रदेश की जनता इस सरकार की कारगुजारी से इस कद्र तंग आ चुकी है कि बेताबी से आगामी विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रही है, ताकि इस सरकार को चलता किया जा सके। राणा ने कहा कि सरकार कह रही है कि विपक्ष के पास कोई स्थाई मुद्दा नहीं है। जबकि असलीयत यह है कि प्रदेश में चारों तरफ मारामारी मची हुई है।

दलाल माफिया, ड्रग माफिया, खनन माफिया के साथ प्रदेश में अराजकता का बोलबाला है। बावजूद इसके अगर सरकार को कोई मुद्दा नहीं दिख रहा है तो यह सरकार के विवेक पर निर्भर करता है। आने वाला वक्त मुद्दे भी तय कर देगा और बीजेपी को मुद्दे भी दिखने लगेंगे। राणा ने कहा कि सरकार कह रही है कि उनका फोक्स शहर और गांव पर बराबर है तो सरकार लगे हाथ यह भी बता दे कि गांवों में बेरोजगारी और शहरों में महामारी के बीच इस काल में आम आदमी आर्थिक संकट में क्यों है।

उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि बीते अपने कार्यकाल में अगर एक भी बड़ा प्रोजेक्ट केंद्र से सरकार ने लाया हो तो उस पर श्वेत पत्र जारी करे। उन्होंने कहा कि जब सरकार तीन साल में धरातल पर कुछ नहीं कर पाई तो अब आने वाले एक साल में क्या तीर मार लेगी। क्योंकि वर्ष 2022 तो चुनावों में विदाई का होगा, जिसमें तो हिमाचल की जनता सरकार की विदाई करके ही दम लेगी।