फीचर: डायबिटीज और  स्किन केयर-शहनाज़ हुसैन 

शहनाज़ हुसैन
शहनाज़ हुसैन

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। डायबिटीज हो जाए तो लोग अकसर    सेहत का ख्याल रखने की सलाह देते हैं /
लेकिन  बिशेष्ज्ञों  का मानना  है की  शुगर के रोगियों को  सिर्फ  अपनी सेहत का ही नहीं  बल्कि  अपनी त्वचा का भी ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि  डायबिटीज का असर त्वचा पर भी दिखाई दे सकता है
 
डायबिटीज में शुगर हाई होने पर आपकी   त्वचा रूखी  हो जाती  है/   त्वचा में खुजली और फटने  की दिक्क़तें  बढ़  सकती हैं /   त्वचा के फटने के कारण कीटाणु और बैक्टीरिया आसानी से शरीर में जा सकते हैं और संक्रमण का जोखिम पैदा कर सकते हैं/


वास्तव में ब्लड शुगर  का  स्तर   बढ़ने से त्वचा  अपनी नमी खोने लगती है। जिससे  त्वचा कई   परेशानियों    से ग्रस्त हो जाती है /  इसलिए शुगर के रोगियों को   अपनी त्वचा का विशेष रूप से ख्याल रखने की आवश्यकता है। शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से मधुमेह के मरीजों को दाद ,खाज ,खुजली , काले धब्बे और त्वचा पर  सर्किल   आदि  समस्यायों  से दो चार होना पड़ता है । 
मधुमेह के शिकार लोगों  की   त्वचा सामान्य से मोटी हो जाती है। टाइप.1 और टाइप.2 दोनों प्रकार के डायबिटीज के शिकार लोगों में ये समस्या हो सकती हैं।  हाथों के पीछे या उंगलियों या पैर की उंगलियों पर त्वचा मोटी और मोम नुमा हो सकती है। अगर आपके ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं रहता है तो इस रोग के विकसित होने का जोखिम अधिक होती है।
 डायबिटीज़ के मरीजों  की पीठ , गले और   बाँहों  में   कालापन बढ़ने लगता है। जो बैण्ड के समान नज़र आता है। दरअसल  डायबिटीज़ की समस्या को पूरी तरह से  काबू  करना  बेहद मुश्किल  माना जाता है लेकिन कुछ सावधानियों  से  शुगर को नियन्त्रित किया जा  सकता है।
2 त्वचा पर पैच नज़र आना
शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से त्वचा पर लाल,  पीले और भूरे रंग के पैच नज़र आने लगते हैं। इसके अलावा त्वचा में खुजली और जलन की समस्या बनी रहती है। दरअसल  यह त्वचा पर छोटे उभरे हुए बंप्स के रूप में शुरू होती है जो पिंपल्स की तरह दिखने लगते हैं। समय के साथ ये बंप्स स्किन को हार्ड करके पैच बनने लगते हैं।

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3 स्किन इंफेक्शन
चेहरे,  गर्दन या पैरों की त्वचा पर रूखापन बढ़ने लगता है। जो स्किन रैश का कारण बन जाता है। इसके अलावा त्वचा में सूजन बढ़ जाती है। खास  तौर से पैरों की उंगलियों में सूजन दिखने लगती है। जो प्रीडायबिटीज़ का संकेत मात्र हो सकता है।

 
 
1–मॉइश्चराइज़र का नियमित इस्तेमाल करें
अगर आपकी त्वचा रूखी है तो
त्वचा को मॉइस्चराइज करना काफी जरूरी है  क्योंकि रूखेपन से एलर्जी हो सकती है    /  स्किन पर मॉइस्चराइज की कमी से खुजली और त्वचा में  रूखापन आ सकता है इस कारण त्वचा के संक्रमण   की संभावना बढ़ जाती है।
 सबसे अच्छा समय शॉवर या स्नान के ठीक बाद का होता है   और दिन में भी कभी.कभी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए/
लोशन के स्थान पर त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए क्रीम और ऑइनमेंट का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इससे त्वचा लंबे वक्त तक पौषित  रहती है। नहाने और स्विमिंग के बाद क्रीम अवश्य अप्लाई करें। इसके अलावा हाथों और पैरों के रूखेपन को दूर करने के लिए दिन में 3 से 4 बार मॉइश्चराइज़र का प्रयोग कर सकते हैं।  हमेशा पैरों में भी मॉइश्चर लगाएं/
2—-सनस्क्रीन लगाएं

मार्केट में बहुत नए प्रकार के सनस्क्रीन आ गए हैं  लेकिन अगर आप डायबिटिक  रोगी हैं  तो आपको   40 एसपीएफ सनस्क्रीन का उपयोग बेहतर होगा  क्योंकि यह आपको शुगर के   हानिकारक प्रभावों से बचाएगा/ 

सनस्क्रीन चेहरे को सूरज से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है। ये स्किन को टैन होने से भी बचाता है। नियमित सनस्क्रीन का इस्तेमाल चेहरे को चमकदार बनाने में मदद करता है। सनस्क्रीन को स्किन पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
अक्सर हम लोग  सोचते हैं कि सनस्क्रीन की जरूरत सिर्फ गर्मियों के मौसम में पड़ती है, लेकिन ऐसा नहीं है/  सनस्क्रीन हर मौसम में लगाने की आवश्यकता होती है/  इसलिए जब भी घर से बाहर निकलें या अगर आप घर में भी हैं तो भी सनस्क्रीन जरूर लगाएं
 3—-हेल्दी डाइट लें—————
आज कल के सर्दियों  के सीजन में   मूंगफली , गचक ,चाय पकोड़े  सहित  ज्यादा तली.भुनी चीजों को खाने की आदत बढ़ जाती है लेकिन इससे सेहत को नुकसान हो सकता है और इन बस्तुओं में ट्रांसफैट की बजह  से आपका  मधुमेह  नियन्त्रण  से बाहर जा सकता है /  इसलिए सीजनल फल और सव्जियों  का ज्यादा सेवन करें/   खूब पानी पीएं ताकि त्वचा को  पर्याप्त नमी प्रदान की जा सके / जामुन,  एलोवेरा,  टमाटर आंवला,  दही,  दाल  चीनी खाएं/   
ताज़े फलों का रस और कैफीन मुक्त  पेय पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा नारियल पानी,  नमकीन  लस्सी ;छाछ और मठ्ठा  आदि चीज़ें ले सकते हैंं। शराब और चाय , कॉफ़ी के ज्यादा सेवन से परहेज करें तो बेहतर होगा
 4–स्किन फ्रेंडली सोप का चुनाव करें
नहाने के लिए डियोड्रेंट साबुन या बॉडी वॉश के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे त्वचा  का पीएच लेवल प्रभावित होने लगता है। साथ ही स्किन पर  लाल चकत्ते , घमोरियों   का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों को   नहाने के लिए स्किन फ्रेडली बॉडी वॉश या  हर्बल साबुन का  प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा स्किन पर ज्यादा मात्रा में बॉडी वॉश को अप्लाई करने से भी बचें।
5—- सूती कपड़े पहनें
त्वचा को किसी भी प्रकार के   संक्रमण ,  रेडनेस और रैशज से बचाने के लिए ऊनी  कपड़ों को पहनने से बचें। अगर आप गर्म कपड़े पहनना चाहते हैं  तो पहले सूती  के कपड़े की एक लेयर ज़रूर पहन लें। इसके बाद स्वैटर या शॉल पहन सकते हैं। शरीर की त्वचा  गर्म कपड़ों  के संपर्क में आने से त्वचा में सूजन और खुजली बढ़ने लगती है।
 
6—-ठंडे पानी से नहाएं
मधुमेह के रोगीयों को ज्यादा गरम या बर्षा के  पानी से नहाने से बचना चाहिए / सर्दियों में हम अक्सर    ज्यादातर गरम पानी से नहाने की गलती करते हैं   जोकि  त्वचा के लिए   घातक साबित होती है/  इसके इलाबा इस मौसम में  यदि आपको त्वचा रोगों से बचना है तो आपको शरीर की सफाई  रखना चाहिए/
 
नहाने के बाद अच्छे से अपने शरीर व हाथ.पैरों को कोमल और मुलायम  तौलिये से पोंछे/   अगर त्वचा गीली रहेगी तो इंफेक्शन का जोखिम अधिक हो सकता है/
लेखिका अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य  बिषेषज्ञ है और हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय है /