किन्नौर के जंगी गांव में 40 बीघा जंगल में आग, चिलगोजा के पेड़ जलने से करोड़ो का नुकसान

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

 

किन्नौर: तीन दिन से धधक रहे पूह खंड के जंगी गांव से सटे जंगल में आग ने भीषण रूप ले लिया है। करीब 40 बीघा जंगल में आग फैलने से सैकड़ों चिलगोजा के पेड़ जल गए हैं। इससे करोड़ों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। बिजली के तारों के टकराने से लगी आग में वन्य प्राणियों को भी भारी क्षति पहुंची है। चिंता की बात यह है कि जंगल की आग से प्रदेश के एकमात्र चिलगोजा उत्पादन क्षेत्र पर खतरा मंडरा रहा है।

 

जिले की पूह घाटी में ही चिलगोजा होता है। इसको देखते हुए क्षेत्र के लोगों ने प्रदेश सरकार से आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है। शुक्रवार देर शाम विद्युत बोर्ड की 22 केवी और 66 केवी लाइनों के आपस में टकराने से जंगी गांव के नजदीक कोविड सेंटर से लेकर तितलीदार के बीच जंगल में आग लग गई।

 

तेज हवाओं के कारण कुछ ही घंटों में आग करीब 40 बीघा जंगल में फैल गई। इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग, मूरंग से आईटीबीपी की दो यूनिट, सेना, जंगी, लिप्पा, रारंग, स्कीबा, मूरंग और ठंगी के ग्रामीणों ने आग पर काबू का प्रयास शुरू किया लेकिन तेज हवाओं के कारण आग जंगी गांव की ओर फैल रही थी, जिसे रोकने के लिए फायर लाइन बनाई गई।

 

कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद गांव को आग से सुरक्षित किया गया। प्रशासन का दावा है कि करीब 80 फीसदी आग पर काबू पाया लिया गया है जबकि टीमें शेष बची आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं। जंगल में लगी आग से विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों समेत करोड़ों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।

 

सबसे अधिक नुकसान चिलगोजा के पेड़ों को पहुंचा है, जिससे ग्रामीण हर साल बड़ी मात्रा में चिलगोजा निकालकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करते हैं। आग बुझाने में वन विभाग के आरओ मूरंग मनमोहन नेगी, बीओ रिब्बा काबिर नेगी की अगुवाई में अभियान चलाया गया। वन विभाग रिकांगपिओ के डीएफओ रिजनोल्ट राइस्टन ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने के हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं, जल्द ही आग को पूरी तरह से बुझा लिया जाएगा।