आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना (382) मेगावाट के हो रहे कार्यों से लोग असंतुष्ट चल रहे हैं। लोगों का कहना है कि आसपास के क्षेत्रों में मवेशियों को दूषित चारा मिल रहा है। यह चारा खाने लायक नहीं रहा है। इसके लिए प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए। यह मांग भाजपा ग्रामीण मंडल ने की है। मंडल अध्यक्ष यशपाल ठाकुर की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल वीरवार को परियोजना निदेशक से मिला। उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि जिन प्रभावितों को देय राशि अनुमानित की गई है, वह बहुत कम है। यह जमीन उपजाऊ है और पानी के साथ लगती है। लोगों की मांग है कि इसकी मुआवजा राशि चार गुणा तक होनी चाहिए। साथ ही प्रभावितों को पुनर्वास के लिए मकान की सुविधा भी दी जाए और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को निगम में रोजगार का प्रावधान भी किया जाए। यशपाल ठाकुर ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से यह भी अवगत करवाया गया है कि जो कार्य निगम की ओर से कराया जा रहा है उससे उठ रही धूल मिट्टी घासनी में बैठ रही है, जो अब पशुओं के खाने लायक नहीं है। इसके लिए भी मुआवजे में प्रावधान किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी चेताया कि अगर प्रभावितों की जायज मांगों को जल्द नहीं सुलझाया गया तो वे इस संबंध में जिला उपायुक्त से भी मिलेगा।
परियोजना निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और कुछ मांगें मौके पर ही निपटाई। उन्होंने आश्वासन दिया कि परियोजना के प्रभावितों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में सुनीता शर्मा, नारायण सिंह, भूप राम वर्मा, रोशन लाल वर्मा, एनएस वर्मा, छविन्द्र पाल, चुन्नी लाल वर्मा, रतिराम शांडिल, देसराज, गोविंद चौहान, नरेश, भूपराम, जितेंद्र भारद्वाज आदि मौजूद रहे।