आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला हमीरपुर के नादौन में कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दृढ़ एवं त्वरित प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में सड़कों को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है तथा प्रदेश में आगंतुकों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे भीषण त्रासदी थी, लेकिन अब राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं।
नादौन में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और पर्यटक अब चंबा, कांगड़ा, शिमला और अन्य जिलों के भ्रमण पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने और सभी प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विपदा के समय में भी नेता प्रतिपक्ष प्रभावित परिवारों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय राजनीति कर रहे हैं।
यह भी पढ़े:- बी.ए.डी.पी के तहत अब तक 24 करोड़ 61 लाख रुपये विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के लिए किए गए व्यय
उन्होंने नेतापक्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क कर हिमाचल प्रदेश के लिए केदारनाथ और भुज त्रासदी की तर्ज पर विशेष पैकेज प्रदान करने के लिए आग्रह करने का आहवान किया। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और उत्तराखंड और गुजरात में प्रदान की गई सहायता के समान वित्तीय सहायता प्रदान करने की बार-बार अपील की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का बोझ डाला तथा केवल राजनीतिक लाभ के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कर्मचारियों के बकाया और भत्ते देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पश्चात वित्तीय बाधाओं के बावजूद कर्मचारियों के हितों में अभूतपूर्व निर्णय लेकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है।