एसएमसी शिक्षकों के पक्ष में उतरे पूर्व विधायक व सीपीएस रोहित ठाकुर, बोले, हितों की रक्षा करें प्रदेश सरकार

ब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर
ब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
जुब्बल। एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति अधिकतर पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा प्रणाली को सृदृढ करने के उद्देश्य से समय-2 पर पिछली सरकारों ने की थी लेक़िन वर्तमान सरकार द्वारा न्यायालय में पक्ष मजबूती से न रखने के चलते 2613 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रदद् हो गई हैं। यह बात जुब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में पहाड़ी व दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा प्रणाली को सृदृढ करने और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोज़गार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों की *नियुक्तियां* की थी वही दूसरी और भाजपा सरकार ने वर्ष 2007-12 के कार्यकाल में द्वेषपूर्ण राजनीति के चलते बदले की भावना से शिक्षकों को *हर प्रकार से* प्रताड़ित किया ।
कांग्रेस सरकार ने पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों की लड़ाई हर क़दम पर मजबूती के साथ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जिसका नतीज़ा हैं कि आज 9700 पीटीए शिक्षकों की सेवाएं नियमित हुई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एसएमसी शिक्षक लग्न के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं  वहीं  सरकार पिछले नौ महीनें से एसएमसी अध्यापकों को वेतन तक नही दे पा रही जबकि प्रदेश में 130 स्कूल एसएमसी शिक्षकों के सहारे *ही* चल रहे हैं।  उन्होंने कहा कि एसएमसी नीति भाजपा सरकार द्वारा आज से नौ वर्ष पूर्व 2012 में लाई गई थी और कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद शिक्षकों और जनहित को ध्यान में रखते हुए एसएमसी नीति में कोई छेड़छाड़ नही की बल्कि *इसका दायरा  बढ़ाकर शिक्षा प्रणाली को और ज़्यादा सृदृढ़  करने का काम किया था।*
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी रोज़गार देने में विश्वास रखती हैं न की *रोज़गार छीनने में।* उन्होंने कहा की एसएमसी शिक्षकों का चयन  शिक्षा के अधिकार अधिनियम में तय मापदंडों के अनुसार संबंधित उपमंडल अधिकारी के द्वारा किया गया हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से पीटीए, पैरा व पैट शिक्षकों की तर्ज़  नियुक्त एसएमसी शिक्षकों की सेवाओं को सुरक्षित करने के लिए अविलम्ब उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका डालने अथवा सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटा कर एसएमसी शिक्षकों के हितों की रक्षा करने का प्रदेश सरकार से आग्रह किया हैं। रोहित ठाकुर ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों के लिए पीटीए की तर्ज़ पर नीति बनाकर भविष्य को सुरक्षित करने की मांग की हैं।
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