ठगी: आंध्र प्रदेश का आढ़ती बागवानों के 37 लाख ठग भागा विदेश, हिमाचल के देवेंद्र केवला बैठे धरने पर

आरोप: लगातार शिकायतों के बावजूद कहीं नहीं हो रही सुनवाई, 07 नवंबर से डेरा डाले बैठे हैं वहां 

0
3
अपने सेब के पैसों की मांग पर आ्ंध्र प्रदेशख मं आढ़ती की दुकान के बाहर धरने पर बैठे देवेंद्र केवला।
अपने सेब के पैसों की मांग पर आ्ंध्र प्रदेशख मं आढ़ती की दुकान के बाहर धरने पर बैठे देवेंद्र केवला।

देविंद्र सिंह

शिमला/आंध्र प्रदेश। बाहरी प्रदेशों में हिमाचल के बागवानों से ठगी का सिलसिला अभी भी जारी है। अपनी साल भर की मेहनत का सिला पाने के लिए अभी भी प्रदेश के बागवानों को खूब संघर्ष करना पड़ रहा है। ठियोग के रहने वाले बागवान देविंद्र केवला ने 18 अन्य बागवानों के साथ आ्ंध्र प्रदेश की दुर्गा भ‌वानी फ्रूट कंपनी के आढ़ती की मांग पर यहां से सात ट्रकों में लगभग 5669 सेब की पेटियां यहां भेजी थी। इस सेब की पेटियों की कीमत लगभग 77,76,545 बनती है, जिसमें से आढ़ती ने 44,02,500 की कीमत अदा की, जबकि अभी भी बागवानों के 36,74, 045 लाख रूपए की अदायगी शेष है।

धरने पर बैठे देविंद्र केवला की मांग
धरने पर बैठे देविंद्र केवला की मांग

देवेंद्र केवला ने बताया कि जब आढ़ती ने पैसे अदा नहीं किए तब वे आंध् प्रदेश पंहुचे। वहां पंहुचकर उन्हें पता चला कि आढ़ती तो विदेश भाग चुका है। उनकी इस बात की शिकायत तत्काल वहां के फ्रूट मार्केट के अध्यक्ष को की। देविंद्र केवला ने बताया कि सात ट्रकों में विभिन्न वैराइटी के सेब आढञती की मांग पर यहां से उन्होंने भेजे थे। अपने सेबों के अलावा अन्य 18 बागवानों ने उनके कहने पर ही सेब इस आढ़ती को भेजे थे।

देविंद्र केवला ठियोग के कलजार गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता फ्रीडम फाइटर और एक्स एमएलए रह चुके हैं। देविंद्र केवा 07 नवंबर से आंध्र प्रदेश के दीवानचेरू में एक होटल में डेरा डहुए हैं। उनकी अपने साथ हुई ठगी की शिकायत वहां के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ

देविंद्र केवला न्याय की आस में 31 दिसंबर से उक्त आढ़ती की दुकान के सामने अकेले धरने पर बैठे हैं। वे सुबह-शाम दो वक्त वहां धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उक्त आढ़ती से उन्हें जान का भी खतरा है, जिसके चलते उन्होंने वहां के स्थानीय पुलिस से अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।