कांगड़ाः हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बादल फटने के कारण कई लोग मलबे की चपेट में आ गए. इस त्रासदी में कुछ लोगों की अपनी जान भी जाने की सुचना है. लेकिन, इस त्रासदी में एक 8 वर्षीय बच्ची ऐसी भी है, जो 12 घंटे मलबे के नीचे दबी रही लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. बच्ची को जब रेस्क्यू कर बचाया गया तो उसे कुछ चोटे आई थी.
इस 8 वर्षीय बच्ची का नाम अवंतिका है. जिसने इस त्रासदी का डट कर सामना किया. 12 घंटे तक मलबे में दबे होने के बावजूद भी नन्ही अवंतिका ने हिम्मत नहीं हारी मलबे की चपेट में आने से बच्ची को टांग व बाजू में गहरी चोटें आई हैं. फिलहाल बच्ची को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर बाजू में गहरी चोट लगने के कारण उसका ऑपरेशन किया गया है. वहीं, टांग में भी प्लास्टर चढ़ाया गया है.
इस दौरान बीते मंगलवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव केवल सिंह पठानिया भी अवंतिका से मिलने पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचे हैं, जहां उन्होंने बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी ली है.
बता दें कि 12 जुलाई की सुबह बोह गांव की जल प्रलय में अवंतिका, उसकी बहन वंशिका व माता-पिता मलबे में फंस गई थी. इस बीच जब वशिंका को होश आया तो उसने अपने शिक्षक सुरेंद्र से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई. यही वजह रही कि रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोग ने राहत बचाव का कार्य शुरू कर दिया था. वंशिका की हिम्मत और समझदारी को देखते हुए उसका का अनुमोदन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए किया जाएगा.