पुरातन कला विधाओं को बढ़ाने के लिए आरंभ की गई है गुरू-शिष्य योजना: गोविंद सिंह

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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मंडी:  शिक्षा, भाषा, कला और संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार पुरातन संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी मकसद से हिमाचल में गुरू-शिष्य परंपरा योजना आरंभ की गई है, जिसमें पुरानी विधाओं के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है । योजना के अंतर्गत कला सिखाने वाले और सीखने वालों को उपयुक्त मानदेय दिया जा रहा है । यह बात शिक्षा मंत्री ने उपायुक्त कार्यालय मंडी के सभागार में ऐतिहासिक मंडी कलम लघु चित्रकला के पुनरूत्थान परियोजना का शुभारंभ करने के पश्चात् अपने संबोधन में कही। यह कार्यक्रम इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज) के मंडी चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया था।

 

 

उन्होंने इंटेक के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मंडी की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में संस्था महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मंडी कलम लघु चित्रकला में बच्चों को प्रशिक्षण देने में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इससे भावी पीढ़ी को पुरातन संस्कृति का बोध व ज्ञान होगा, वहीं संस्कृति को संजोने में उनका योगदान मिलेगा। ऐसे बच्चे जो चित्रकला में रूची रखते हैं, उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने में आगे आने को मदद मिलेगी।

 

 

उन्होंने कहा कि इंटेक ने राज्य में कांगड़ा कलम लघु चित्रकला का पुनरूत्थान में बहुत सराहनीय कार्य किया है। उसी की तर्ज पर अब मंडी कलम लघु चित्रकला को जीवित किया जा रहा है। कांगड़ा व मंडी के अलावा अब कुल्लू, चंबा सहित समूचे प्रदेश की पुरातन संस्कृति को पुनर्जीवित किया जाएगा।

 

 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है, चाहे वह पुरातन संस्कृति हो या फिर शिक्षा की बात हो। भारत में देश-विदेश से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते थे। केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा पद्धति को पुनः सुदृढ़ व सशक्त करने में कई अहम प्रयास कर रही है। भारत पुनः विश्व गुरू बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।

 

 

राज्य सरकार हरेक जिले में वहां की पुरानी शैली में विश्राम गृहों का निर्माण करवा रही है ताकि स्थानीय संस्कृति को संरक्षित रख जा सकें। उन्होंने इंटेक से सरकार को पुरातन संस्कृति को संजोए रखने में अपने बहुमूल्य सुझाव देने की अपील की है। बाद में शिक्षा मंत्री ने हस्त निर्मित चित्रकलाओं का अवलोकन भी किया।

 

 

शिक्षा मंत्री ने संस्था को 21 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। इंटेक की राज्य समन्वयक मालविका पठानिया ने मंडी कलम के प्रसिद्ध चित्रकार राजेश द्वारा बनाई गई पेंटिंग शिक्षा मंत्री को भेंट की तथा संस्था की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।

 

 

मंडी इंटेक के समन्वयक नरेश मल्होत्रा ने शिक्षा मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा संस्था द्वारा मंडी की संस्कृति के संरक्षण में किए जा रहे कार्यो से अवगत करवाया। कार्यक्रम में नगर निगम महापौर दीपाली जस्वाल, उप-महापौर विरेन्द्र भट्ट, उप-निदेशक, उच्च शिक्षा सुदेश ठाकुर, इंटेक के जिला सह समन्वयक अनिल शर्मा, सदस्य कमलकांत, गजेन्द्र बैहल, अजय सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।