आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर । उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा है कि किसी भी सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद अगर घायलों की तुरंत मदद की जाए तो कई लोगों की बहुमूल्य जानें बच सकती हैं। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद ‘गोल्डन ऑवर’ के दौरान यानि एक घंटे के भीतर घायलों को मदद की तत्काल आवश्यकता होती है। इसलिए, किसी भी सड़क दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी को घायलों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए।
मंगलवार को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटना के घायलों की तत्काल मदद करने वाले तथा उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाले प्रत्यक्षदर्शियों से पुलिस भी कोई अनावश्यक पूछताछ नहीं करती है। अमरजीत सिंह ने कहा कि ऐसे मददगार लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ‘गुड सेमेरिटन अवार्ड’ भी आरंभ किया है।
बैठक के दौरान जिला स्तरीय समिति ने 13 अप्रैल को गांव टियाले दा घट्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई हमीरपुर-वृंदावन बस के घायलों की तत्काल मदद करने तथा उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाले दो लोगों महेंद्र सिंह और संदीप ठाकुर के नाम ‘गुड सेमेरिटन अवार्ड’ के लिए अनुमोदित करने का निर्णय भी लिया।
जिला में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, स्कूल बसों और सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं निजी वाहनों में आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों तथा यातायात नियमों की सख्ती से अनुपालना को लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर एसपी भगत सिंह, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अंकुश शर्मा, एचआरटीसी के डीडीएम राजकुमार पाठक और अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।