उभरते डिजिटल परिदृश्य के अनुरूप ढल रहा हिमाचल: मुख्यमंत्री

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग के नामकरण एवं नई वेबसाईट का शुभारंभ किया

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग के नामकरण एवं नई वेबसाईट का शुभारंभ किया
डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग के नामकरण एवं नई वेबसाईट का शुभारंभ किया

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर ‘डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग’ करने एवं विभाग की नई वेबसाइट का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश संभवतः देश का पहला राज्य है जिसने डिजिटल रूप से उन्नत और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं और विभाग का यह नया नाम इसके कार्यों के अनुरूप प्रासंगिक है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन में उभरती प्रौद्योगिकी के व्यापक दायरे को देखते हुए विभाग का नाम डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग को उभरते डिजिटल परिदृश्य और बदलती आवश्यकताओं के साथ जोड़ना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन तक सरकारी सेवाओं के लाभ शीघ्रता से पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी संचालित शासन के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सभी सेवाओं का डिजिटलीकरण कर तेज और सर्वसुलभ डेटा कनेक्टिविटी के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाना आवश्यक है ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।

 

उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग एक क्रांतिकारी कदम है। इससे सूचना और सेवाएं प्राप्त करने के लिए आम लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकार द्वारा शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग विभिन्न विभागों में डिजिटल क्षमता के अनुरूप चार मुख्य क्षेत्रों डिजिटल प्रौद्योगिकी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं डेटा गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉरर्मेशन तथा सूचना प्रौद्योगिकी निवेश एवं औद्योगिक प्रोत्साहन को सुदृढ़ करेगा।

 

इन क्षेत्रों के माध्यम से डिजिटल प्रौद्योगिकी, टेली-संचार, ई-गवर्नेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, साइबर-सुरक्षा, कृत्रिम मेधा, ड्रोन और ड्रोन-आधारित सेवाएं, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉक चेन, और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए नीतियां विकसित कर कार्यान्वित की जाएंगी। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों के लिए प्रभावी मैपिंग, डेटा प्रबंधन और विश्लेषण के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रौद्योगिकी का एकीकरण एवं कार्यान्वयन तथा सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन सहित विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना शामिल है। इस अवसर पर प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, सचिव डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस डॉ. अभिषेक जैन और निदेशक मुकेश रेपसवाल भी उपस्थित थे।