हिमाचल की पर्वतारोही बलजीत कौर ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा फतेह की

आदर्श हिमाचल ब्यूरो,

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शिमला,मई । हिमाचल की पर्वतारोही और एथलीट बलजीत कौर दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा को फतेह कर के एक और उपलब्धि अपने नाम की है इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है। इस चढ़ाई को रॉडिक कंसल्टेंट्स ने स्पॉन्सर किया है। बलजीत कौर इसके बाद माउंट एवरेस्ट को फतह करने के सपने के साथ आगे बढेंगी। हाल ही में उन्होंने अन्नपूर्णा पर्वतमाला की चढ़ाई पूरी की हैं। दुनियां में अन्नपूर्णा पर्वत की चढ़ाई सबसे खतरनाक और कठिन है।अन्नपूर्णा पर्वत समूह उत्तर-मध्य नेपाल के हिमालय में स्थित है।उनके सपने को पंख देते हुए, रॉडिक कंसल्टेंट्स ने उनके मिशन और प्रशिक्षण को सपोर्ट करने के लिए स्पॉन्सर कर रही है।देश के युवा एथलीटों के लिए आइकॉन  बलजीत पहले ही भारत और नेपाल में 11 चोटियों पर चढ़ाई कर चुकी हैं, और अब वह इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार हैं। स्पॉन्सरशिप मिलने पर, पर्वतारोही ने रॉडिक कंसल्टेंट्स को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सपोर्ट महिला एथलीटों को प्रोत्साहित करने और भारत में एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन प्रयास है और यह अन्य लोगों को प्रेरित करेगा।

चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजकुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि “ बलजीत की यात्रा और उनके मिशन का हिस्सा बनकर हमें गर्व है। उनकी कहानी युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उनकी कहानी यही बताती है कि यदि आप में जुनून है तो आपकी पृष्ठभूमि आपके सपने को पूरा करने से नहीं रोक सकती।

बलजीत का दृढ़ संकल्प और सफलता युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। हमारा मानना है कि उनकी उपलब्धियां भारतीय युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेंगी। रॉडिक कंसल्टेंट्स उनकी यात्रा का हिस्सा बनकर उनके सपनों को पंख दे रहा है। “

बलजीत हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के एक छोटे से पहाड़ी गांव से हैं। ग्रामीण परिवेश के बावजूद, वह अपने शानदार करियर में दुनिया के 7वें सबसे ऊंचे पर्वत, माउंट धौलागिरी (8167 मीटर), माउंट पुमोरी (7161 मीटर) और उत्तरी हिमालय के कई पहाड़ों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।

उनके पिता सरदार अमरीक सिंह, हिमाचल राज्य परिवहन निगम के एक सेवानिवृत्त बस चालक हैं और वर्तमान में माइक्रो खेती में लगे हुए हैं और उनकी माँ शांति देवी एक गृहिणी हैं।

कई असफलताओं के बावजूद, वह लगातार पहाड़ों की चढ़ाई पूरी करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिसके लिए वह अपने कौशल के लिए अच्छी-खासी लोकप्रियता हासिल कर रही है।

इस स्पॉन्सरशिप के बारे में बताते हुए पर्वतारोही बलजीत कौर ने कहा, “मैं रॉडिक कंसल्टेंट्स को उनके इस सपोर्ट के लिए आभारी हूं। उन्होंने मेरे सपनों को एक नया आयाम दिया है।मेरे प्रयासों से यदि युवा एडवेंचर स्पोर्ट की ओर रुख करते हैं तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

इस मुहीम में मेरा हौसला बढ़ाने और सहयोग करने के लिए मैं रॉडिक कंसल्टेंट्स को धन्यवाद देती हूँ। मिस कौर उस युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है जो स्कूल और कॉलेजों में पढ़ती हैं।

वह युवा पर्वतारोहियों का मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र में एक जाना-माना चेहरा भी हैं। भारत के पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर द्वारा उन्हें रक्षा मंत्री पदक से सम्मानित भी किया जा चुका है।