आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमाचल प्रदेश द्वारा सतत् कृषि तकनीक के रूप में चलाई जा रही राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर रही। कई राज्यों एवं देशों के कृषि वैज्ञानिक एवं शोधार्थी प्रदेश सरकार की इस पहल के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश का दौरा कर रहे हैं।
इसी क्रम में सोमवार को जापान के हिरोशिमा विश्वविद्यालय की एक टीम ने कृषि निदेशालय शिमला में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य परियोजना इकाई का दौरा किया। विश्वविद्यालय के ह्यूमैनिटी एवं सोशल साइंसेज के प्रोफेसर ड़ॉ ओसामु योशिदा के नेतृत्व में शोधार्थियों ने हिमाचल के कृषि परिदृश्य और प्राकृतिक खेती की पहल पर अधिकारियों के साथ विस्तृत बातचीत की।
इस दौरान राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त निदेशक कृषि, डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने जापानी शोधार्थियों को हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्र की विशेषताओं से अवगत कराया और प्राकृतिक खेती योजना पर प्रस्तुति दी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि यह योजना राज्य में बिना कृषि रासायनिकों, कम लागत, जलवायु अनुकूल और पर्यावरण हितैषी प्राकृतिक खेती तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रकृति और किसान—दोनों को केंद्र में रखा गया है।
डॉ. शर्मा ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में करीब 2.23 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं, जो राज्य के 38,456 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में बहुफसलीय खेती प्रणाली को अपना रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल सरकार ने अग्रणी कदम उठाते हुए प्राकृतिक खेती से उगाई मक्की, गेहूं, कच्ची हल्दी और जौ को सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है और किसानों से सीधे इन फसलों की खरीद की जा रही है। सरकारी स्तर पर खरीद के उपरांत उत्पादों की प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर इन्हें ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत बाजार में उतारा जा रहा है। अभी तक इस ब्रांड के तले मक्की का आटा, गेहूं का आटा और दलिया बाजार में उतारा गया है।
हिरोशिमा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योशिदा और शोधार्थियों ने हिमाचल सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे एक प्रभावी कदम बताया तथा राज्य में सब्जी फसलों के कोल्ड स्टोरेज प्रबंधन पर भी चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने जापान के कृषि परिदृश्य पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक डॉ. अतुल डोगरा, उप निदेशक डॉ. मोहिंदर भवानी तथा इकाई के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।











