आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत ने कहा कि कोविड-19 की इस कठिन परिस्थिति में हिमफैड ने सेब की खरीद व बिक्री की है जबकि एक माह का समय अभी बाकी है । इस बीच अभी तक लगभग 15000 मिट्रिक टन मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत बागवानों से सेब की खरीद की है और बिक्री केन्द्रों पर इसकी बिक्री की है। गणेश दत ने कहा कि यद्यपि पिछले वर्ष से यह मात्रा कम है लेकिन यह सेब के कम उत्पादन के कारण हुआ है ।
हिममफैड के अध्यक्ष ने एकत्रीकरण केन्द्रों व बिक्री केन्द्रों पर तैनात सभी कर्मचारियों के ठीक प्रकार से अपनी डयूटी निभाने के लिए उनकी प्रषंसा भी की है । परवाणु निलामी केन्द्र पर अध्यक्ष महोदय ने औचक निरीक्षण किया और उसमें पाया कि कुछ ठेकेदार ”पुलिंग“ करके सेब की खरीद कर रहे हैं जो एक अच्छी पहल नहीं है । अध्यक्ष ने कहा कि आरम्भ में सेब की बिक्री की किमत लगभग 9.00 रूपये प्रति किलो तक आ रही थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से कुछ ठेकेदारों की पुलिंग के कारण यह 3.80 रूपये या 3.85 रूपये तक यह दाम आ गये हैं । अध्यक्ष ने निलामी केन्द्रों में तैनात अपने कर्मचारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि ठेकेदारों की पुलिंग पर गहरी निगरानी रखी जाए और सेब के उचित मूल्य मिलने पर ही निलामी को अंतिम रूप दिया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान ठेकेदारों द्वारा कम मूल्य पर सेब की खरीद करने की स्थिति में, अन्य सेब के ठेकेदारोें व खरीदारों से भी संपर्क किया जाए, जो कि मण्डी मध्यस्तता योजना (एम0आई0एस0) के सेब की खरीद कर मण्डीयों में और फैक्टरियों में बेचने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर किसी भी ठेकेदारों के ग्रुप को मनमानी करने का अधिकार नहीं दंेग,े क्योंकि अब उंचाई वाले क्षेत्रों के बोरियों में बिकने वाले सेब को कोई नुकसान नहीं होगा, और अच्छे, रसीले तथा साफ सुथरे सेब का ही आना प्रारम्भ हुआ है, इसलिए अपने कर्मचारियों को जल्दबाजी में कम रेट पर टेकेदारेां को सेब बेचने की जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उचित समय पर उचित मूल्य मिलने पर ही सेब बिक्री केन्द्रों पर सेब को बेचा जाना चाहिए । उन्होंने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि परवाणू बिक्रय केन्द्र में सेब के दाम 3.00 रूपये से 3.50 रूपये तक ही मिल पा रहे हैं जबकि सेब की कम फसल है और उसमें अच्छे दाम आने चाहिए ।