हिंदू जागरण मंच ने प्रदेश सरकार से उठाई लव-जिहाद और धर्मांतरण मामलों पर रोक लगाने की मांग

सरकार को दी चेतावनी, अगर जल्द ठोस कदम न उठाए मंच सरकार के खिलाफ करेगा आंदोलन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिंदू जागरण मंच ने प्रदेश में लव जिहाद, जमीनी जिहाद और धर्मांतरण मामलों पर प्रदेश सरकार से रोक लगाने की मांग उठाई है। शिमला में आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष कश्मीर चंद सड़याल ने कहा कि प्रदेश में जिहादी और साम्प्रदायिक कट्टरता फैलाने वाली तबलीगी जमात पर तुरंत प्रभात से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि यहां के सामाजिक सौहार्द,  शांतिपूर्ण कानून व्यवस्था और यहां की देव संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सके। हिमाचल प्रदेश के सभी मस्जिदों, मदरसों और मजारों की गहनता से जांच की जानी चाहिए और वहां आकर रहने वाले बाहरी लोगों की पहचान को भी प्रशासन को सत्यापित करना चाहिए। साथ ही बाहरी मौलवियों को यहां रहने की अनुमति प्रशासन को नहीं देनी चाहिए। वहाँ से संचालित सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जानी चाहिए। हिमाचल प्रदेश में सभी मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए। मदरसों से ही बहावी कट्टरता फैलाकर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।
 
इसके अलावा मंच के प्रदेश महामंत्री कमल गौतम ने कहा कि विभिन्न शहरों और कस्बों में बाहरी फेरीवालों और अप्रवासियों को स्थायी निवासी प्रमाणपत्र गलत तरीके से जानबूझकर प्रदेश की डेमोग्राफी को प्रभावित करने की मंशा से जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में कई मामले हिंदू जागरण मंच के संज्ञान में आए हैं।  इसका ताजा उदाहरण कुल्लू में देखने को मिला। ऐसी संदिग्ध गतिविधियों के प्रदेश में दूरगामी और घातक परिणाम होगा इस विषय की गंभीरता को समझते हुए सरकार को हिमाचल प्रदेश में शीघ्रातिशीघ्र एनआरसी की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
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मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि लैंड जिहाद द्वारा जिहादी मानसिकता के लोग हिमाचल के अनेक स्थानों पर अवैध मजारों, मस्जिदों और मदरसों का निर्माण कर सरकारी भूमि को कब्जाने का कुप्रयास कर रहे हैं। बिलासपुर में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। इस विषय पर तुरंत सभी जिलों में ऐसी घटनाओं को चिन्हित कर त्वरित कार्यवाही कर इन अवैध निर्माणों को हटाया जाए। कुल्लू के अखाड़ा बाजार में कानून और नियमों के ताक पर रखकर मस्जिद का अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसमें मीनारों की ऊंचाई 80-90 फीट लगभग है जोकि नियमानुसार बिलकुल गलत है। कुल्लू भूकंप के लिहाज से जोन 5 में पड़ता है। ऐसे निर्माण तो अखाड़ा बाजार जैसे अत्याधिक जनसंख्या के घनत्व वाले क्षेत्रों के लिए बहुत ही खतरनाक जो किसी आपदा के समय जानमाल की हानि को बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं। इस मस्जिद के निर्माण भी सरकारी भूमि को जबरन कब्जाया गया है पूरे प्रदेश भर में ऐसे मामले ध्यान में आए हैं। इसलिए प्रदे में अंधाधुंध मस्जिदों के निर्माण की गहनता से जांच होनी चाहिए और लैंड जिहाद की इस सोची सम साज़िश को रोका जाना चाहिए।
मंच के अध्यक्ष केसी सड़याल व प्रदेश महामंत्री कमल गौतम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लव जिहाद के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं जो जिहादियों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। जिसमें हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर अथवा धोखे में रखकर झूठे प्रेमजाल में फंसाया जाता है। आज सोशल मीडिया इसका सबसे बड़ा माध्यम बनकर सा आया है। अधिकांश मामलों में लड़की को वास्तविकता का बोध ही नहीं होता और वह इस सुनियोजित षड़यंत्र का शिकार हो जाती है। जब उसे सच का पता चलता है तब तक बहुत देर चुकी होती है और वो उस दलदल से चाहकर भी नहीं निकल पाती। उसके बाद उनका सुनियोजित षड़यंत्र के तहत धर्म परिवर्तन किया जाता है। इसमें सीधे सीधे मस्जिदों और मदरसों से फंडिग की जाती है। हिंदू लड़कियों के मदरसों से रेट तय होते हैं। ऐसे अनेकों मामले हमारे सामने आ चुके सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोई भी जनप्रतिनिधि अपनी आवंटित निधि से किसी भी मस्जिद अथवा मदरसे के निर्माण के लिए कोई राशि जारी न करें। जनता की गाढ़ी कमाई का धन केवल जनता और जनविकास के कार्यों पर ही व्यय किया जाना चाहिए न कि किसी समुदाय विशेष के निर्माणों पर। पूर्व में प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे मामले ध्यान में आए हैं। भविष्य में ऐसा न हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
हिंदू जागरण मंड ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में अनेक स्थानों पर ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित स्कूल चल रहे हैं। उन स्कूलों में विभिन्न फंडों के नाम पर अंधाधुंध खुली लूट का कारोबार जारी है।उन सभी स्कूलों पर सरकार फीस के मापदंड तय करें। उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुनियोजित। ढूंग से धर्मांतरण के लिए कंडीशनिंग की जाती है।उनके पाठ्यक्रम और वहां आयोजित होने वाली गतिविधियां निश्चित तौर पर संदेह के घेरे में हैं। इन बड़े-बड़े नामी गिरामी संस्थानों का धन कहां प्रयोग होता है यह भी जांच का विषय है। ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण के लिए धन उपलब्ध करवाने का काम करते हैं। ये स्कूल हिमाचल में धर्मांतरण के काम को परोक्ष रूप से बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इन पर नकेल कसना बहुत आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण कानून को और अधिक कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए ताकि धर्मांतरण के गोरखधंधे पर रोक लग सके।
कमल गौतम ने कहा कि अगर सरकार इस तरफ गंभीरता से कदम उठा नहीं उठाती है और तब्लीगी जमात की इन हरकतों पर लगाम नहीं लगाती है तो हिंदू जागरण मंच आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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