आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। SHIMLA HOTELS AND TOURISM STAKE HOLDERS के प्रेसिडेंट मोहिंद्र सेठ का कहना है कि सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टेम्पो ट्रैवलर पर नया टैक्स लगने से टूर ऑपरेटर्स को हिमाचल में ग्रुप्स लेकर आना वायबल ही नही रहा है ।इसकी मार हिमाचल के पर्यटन उद्योग झेलनी पड़ रही है। दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल से बड़ी संख्या में पर्यटक शिमला आते है। यह पर्यटक अंबाला या चंडीगढ़ तक रेल द्वारा आते है तथा वहां से टेम्पो हायर कर शिमला मनाली तथा शिमला किनौर का रूख करते है। इस भारी टैक्स के कारण पिछले वर्षों के मुकाबले केवल 20% से भी कम बंगाल से पर्यटक शिमला आ रहे है जिसका नुकसान होटल इंडस्ट्री को झेलना पड़ रहा है।
दुर्गा पूजा का सीजन केवल बंगाल से बहुत संख्या मे पर्यटक हिमाचल आते है।बंगाल से आने वाला पर्यटक बजट टूरिस्ट होता है। सरकार ने यदि इस टैक्स को वापिस न लिया तो पर्यटन उद्योग को इसका नुकसान आगामी नवरात्रि हॉलीडेज मे भी भुगतना पड़ेगा क्योंकि उस दौरान गुजरात से बड़ी संख्या में ग्रुप्स हिमाचल घूमने आते है।पर्यटन उद्योग पहले ही पिछले कई वर्षो से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। हाल मे आई आपदा के कारण पर्यटन पटरी से उतर चुका है तथा होटल व्यवसायियों को कर्मचारियों को सैलरी देना तथा रोज मरहा के खर्चे उठाना भी भारी पड़ रहा है।इतना ही नहीं होटल वालों द्वारा लिए गए लोन एनपीए होने की कगार पर आ गए है जिसके कारण उनकी चिंताएं बड़ गई है।
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हमारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह है की बाहरी राज्यों के नंबर वाली बसों तथा टेम्पो ट्रैवलर पर लगे टैक्स को हटाया जाए ताकि पर्यटन उद्योग को हो रहे नुकसान से बचाया जा सके।इस नए टैक्स लगने के कारण गुजरात के ट्रैवल एजेंट्स ने हिमाचल के पैकेज बेचना बंद कर दिए है जिसका सीधा लाभ कश्मीर तथा उत्तराखंड को हो रहा है। हिमाचल सरकार को GST तथा अन्य टैक्सों से एकत्रित होने वाले राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।