रायपुर सहोडा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित, डिप्टी कमिश्नर जतिन लाल ने कि बतौर मुख्यतिथि शिरकत

पोषण अभियान के तहत 3 महिलाओं की गोद भराई भी की गई

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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ऊना। रायपुर सहोडा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता डिप्टी कमिश्नर ऊना जतिन लाल ने की। इस दौरान उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि नारी शक्ति की प्रतीक है, हमारी संस्कृति में नारी पूजनीय है, वंदनीय है आवश्यकता है कि बदलते दौर में हम महिलाओं के प्रति सम्मान सुरक्षा और स्वावलंबन की भावना का प्रसार करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आधी आबादी कहा गया है और इस दुनिया में मौजूद हर एक महिला की ताकत का जशन मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस  मनाया जाता है।

डीसी ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं। अपने घर परिवार के दायित्वों, कार्यों को निभाने  के साथ ही अन्य कार्यों की जिम्मेवारियां बखूबी निभा रही हैं। समाज, दुनिया के प्रति महिलाओं के योगदान की सराहना जितनी भी की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि 1908 में न्यू यॉर्क में 12-15 हज़ार महिलाओं ने एक रैली निकाली थी इन महिलाओं की मांग थी कि नौकरी के कुछ घंटे काम करने के साथ ही सैलरी उनके काम के अनुसार दी जाए।

इस मज़दूर आंदोलन का ध्यान रखते हुए ठीक एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने प्रथम नेशनल वोमेन डे National घोषित किया। उन्होंने कहा कि 8 मार्च 1975 को महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गयी। वह भी तब जब यूनाइटेड नेशंस ने इसे वार्षिक तौर पर एक स्पेशल थीम के तहत शुरू किया। उपायुक्त के कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम इन्स्पायर इनक्लूज़न है। यह थीम हमारे समुदायों को महिलाओं के समावेशन को महत्व देना सिखाने पर केंद्रित है। क्योंकि हम सभी के लिए एक बेहतर और अधिक समावेशी दुनिया बनाते हैं।

इस अवसर पर महिला अधिकारियों को सम्मानित किया गया तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनामिया व शुगर टेस्ट किये गए। इसके अतिरिक्त महिलाओं ने खेल प्रतिगयोगताओं में भाग लिया। इस दौरान निर्वाचन अधिकारी ऊना द्वारा ईवीएम के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त स्वीप के अंतर्गत महिलाओं को वोट के अधिकार के बारे में जागरूक किया गया।  इस अवसर पर पोषण अभियान के तहत 3 महिलाओं की गोद भराई भी की गई

इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि 9 से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है।पोषण पखवाड़ा 2024 में पारंपरिक और स्थानीय आहार प्रथाओं के तहत पोषण के प्रति संवेदनशीलता पर ध्यान केंद्रित करना और गर्भवती महिलाओ व शिशु और छोटे बच्चों को दूध पिलाने की व इष्टम आहार प्रथाओं को बढ़ावा देना भी इस वर्ष की मुख्य थीम है। पोषण पखवाडे के दौरान अनीमिया, वाश और डायरिया प्रबंधन की गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।