जुब्बल-नावर-कोटखाई कांग्रेस का आरोप, कांग्रेस कार्यो का झूठा श्रेय ले रहे बरागटा

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
जुब्बल।  पिछले तीन सालों के कार्यकाल में  जुब्बल नावर कोटखाई की जनता को नरेंदर बरागटा से  घोर निराशा ही हाथ लगी हैं। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा,  मोतीलाल सिथटा,   भीम सिंह झौहटा,  रमेश चौहान, लायक राम स्टेटा,  जितेंदर भीमटा, लोकपाल जस्टा, हैप्पी आजाद  व प्रमोद चौहान आदि ने जारी सयुक्त बयान में कहीं। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख कांग्रेस कार्यकाल में स्वीकृत योजनाओं का श्रेय लेने के लिए झूठा प्रचार किया जा रहा हैं। क्यारी व बगाहर पंचायत में पेयजल की  समस्या को दूर करने के लिए पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने  विशेष घटक योजना के तहत उठाऊ पेयजल योजना के लिए ₹1 करोड़ 7 लाख का बजट स्वीकृत करवाया था और  22 नवंबर, 2016 को इस योजना का शिलान्यास भी किया था।
सत्ता परिवर्तन के बाद योजना का कार्य कछुआ चाल से चल रहा था। स्थानीय निवासी व वरिष्ठ अधिवक्ता बी०एम० चौहान की याचिका पर कड़ा संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को फ़टकार लगाई और समयबद्ध तरीक़े से योजना का कार्य पूरा करने के आदेश दिए।  माननीय न्यायालय की कड़ी फ़टकार के चलते क्यारी व बगाहर उठाऊ पेयजल योजना का कार्य पूरा हो पाया और पिछले वर्ष इस पेयजल योजना ने कार्य करना भी शुरू कर दिया  था लेकिन झूठा श्रेय लेने के लिए नरेंदर बरागटा अब इसका उद्घाटन कर रहे हैं। कोहलाड़ा-पंचगांव-अंटी सड़क की बदतर स्थिति को देखकर भाजपा सरकार के विकास का पता चलता है। स्थानीय विधायक की द्वेषपूर्ण राजनीति के चलते कोहलाड़ा-पंचगांव-अंटी सड़क  की पीएमजीएसवाई ग्रामीण सड़क प्रोजेक्ट के तहत बनी हुई  स्तरोन्नत व मैंटलिंग-टायरिंग की ₹21.67 लाख की डीपीआर वित्त पोषण के लिए अनुमोदित नही की गई।
नाबार्ड के तहत स्वीकृत विकासात्मक योजनाओं में धन आबंटन के लिए जनता को न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।  ठियोग-हाटकोटी सड़क योजना का 8% शेष कार्य राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना के चलते रोका गया। इसी प्रकार तहसील मुख्यालय जुब्बल को जोड़ने  वाली सड़क के लिए धन स्वीकृत होने के बावजूद भी तीन वर्ष बाद   कार्य आधा अधूरा पड़ा है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पानी की समस्या को दूर करने के लिए  पूर्व विधायक रोहित ठाकुर के प्रयासों से अति महत्वाकांक्षी BRICS  वित्त पोषित ₹38 करोड़ की पब्बर उठाऊ पेयजल योजना के आज तक टेंडर नहीं लगाएं। इसी तरह स्थानीय विधायक ने आज तक बरथाटा, कठासु पंचायत के लिए कोई योजना विधायक प्राथमिकता और नाबार्ड के तहत डालना दो दूर विधायक निधि से फ़ूटी-कौड़ी तक नही दी। सत्ता में आते ही द्वेषपूर्ण भावना के चलते कठासू-बरथाटा के साथ लगती पंचायतों के छोटे और सीमांत बागवानों के हजारों सेब के पेड़ कटवाए गए। उन्होंने कहा कि रोहित ठाकुर ने समान दृष्टिकोण के साथ जुब्बल-नावर-कोटखाई का विकास किया हैं जबकि स्थानीय विधायक का कार्यकाल कांग्रेस सरकार के समय से चले हुए विकासात्मक कार्य को रोकने में व्यतीत हुआ।
हाटकोटी मंदिर के लिए वर्ष 2018 में करोड़ो की घोषणाएं की थी जो कि आज तक धरातल पर नही उतर पाई इसके विपरीत हाटकोटी मन्दिर ट्रस्ट से ₹50 लाख रुपए निकाल अन्य स्थानों पर खर्च किए गए।  कोरोना काल में स्वास्थ्य संस्थान खोलना तो दूर की बात बल्कि खुले हुए स्वास्थ्य संस्थान को बंद किया गया, स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी जनता को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जुब्बल-नावर-कोटखाई में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं, पिछले तीन वर्षो में कोई नया काम शुरू नही हो पाया जबकि स्थानीय विधायक चुनाव जीतने के बाद  अपनी प्रोमोशन के जुगाड़ में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि नरेंदर बरागटा का कार्यकाल कर्मचारियों की अदला-बदली और लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों के ज़रिए अपने चहेतों को रेवड़ियां  बांटने में बीता।  उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक झूठी घोषणाएं  और जुमलों के लिए प्रसिद्ध हैं इसका जवाब जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में देगी
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