किन्नौर कांग्रेस ने काले झंडे लहरा जयराम सरकार के खिलाफ किया जमकर प्रदर्शन, पुलिस के साथ हुई तीखी झड़प

किन्नौर कांग्रेस को प्रदर्शन के दौरान समझाती पुलिस
किन्नौर कांग्रेस को प्रदर्शन के दौरान समझाती पुलिस

पुलिस ने कोड आफ कंडक्ट का हवाला दे किया था रोकने का प्रयास, उप चुनाव की घोषणा होते ही रद्द हुआ मुख्यमंत्री का दौरा

विशेषर नेगी

किन्नौर। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर मुख्यालय रिकांगपिओ में मंगलवार को स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई जब मुख्यमंत्री जयराम के दौरे को लेकर किन्नौर कांग्रेस प्पदर्शन करने पहुंची। अपने प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों ने काले झंडे लहरा कर  भाजपा सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होते ही पुलिस ने कांग्रेस  कार्यकर्ताओं को धरना प्रदर्शन करने से रोका तो इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी खूब नोक झोंक हुई।

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आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। कांग्रेसियों का आरोप था कि उन्होंने छोटा  माइक लगा कर अपनी आवाज कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका माइक छीन लिया और उनके कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की। जो कार्यकर्ता उस दौरान वीडियो बना रहे थे उनके मोबाइल छीन कर सारी रिकॉर्डिंग को डिलीट कर दी गई।  इसके विरोध में कांग्रेसियों ने पहले पीओ मुख्य  चौक व फिर एसपी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।

इससे पहले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर आज किन्नौर मुख्यालय रिकांगपिओ पहुंचने वाले थे । कांग्रेस का आरोप था कि भाजपा शासनकाल में जनजातीय लोगों  के साथ भेदभाव हुआ। नौ-तोड़ के मामले व टीडी के अधिकार से वंचित किया गया है, इसलिए वे मुख्यमंत्री के समक्ष काले झंडे निकालकर विरोध दर्ज करना चाहते थे। लेकिन कोड ऑफ कंडक्ट लगने के कारण मुख्यमंत्री का दौरा रद्द हुआ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया।

किन्नौर कांग्रेस अध्यक्ष उमेश नेगी ने बताया कि भाजपा सरकार ने जनजातीय क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है। लोगों के हजारों नौतोड़  के
मामलों को लंबित रखा है। टीडी के अधिकार छीन लिए गए हैं। इसलिए किन्नौर कांग्रेस ने पहले ही ऐलान कर दिया था की मुख्यमंत्री के रिकांग पिओ आगमन पर उनका कॉलेज झंडे दिखा कर नाराजगी जताई जाएगी।

मोबाइल छीनने का आरोप लगाने वाली महिला ने बताया कि उनके पति मोबाइल से पुलिस व कार्यकर्ताओं के मध्य हो रही बहसबाजी का वीडियो बना रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ कर ले गई। जब वे अपने पति को छुड़ाने गई तो पुलिस ने मोबाइल का पैटर्न पूछा और सारे वीडियो डिलीट करने के बाद मोबाइल लौटाया ।

उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया की लोगों को प्रदर्शन से रोकने का प्रयास किया गया। उन्हें  समझाया गया कि कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन हो रहा है इसलिए वे प्रदर्शन ना करें।