शिमला: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है और आज चार और शव मिले हैं. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अनुसार, राहत और बचाव अभियान आज सुबह 6 बजे फिर से शुरू हुआ और सरकारी बस और बोलेरो कार का पता लगाने के प्रयास जारी हैं. राज्य के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. कल किन्नौरी में हाईवे पर भूस्खलन हुआ था हिमाचल के किन्नौर जिले में रिकांगपियो-शिमला राजमार्ग पर बुधवार को भूस्खलन हुआ। इस घटना में हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस समेत एक गुजर रहा ट्रक और कुछ अन्य वाहन मलबे में दब गए. शुरू में मलबे में 40 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका थी, जिनमें से ज्यादातर बस में थे. इस बस के बारे में अभी कुछ पता नहीं चला है.
14 लोगों को बचाया गया
घटना के बाद से राहत और बचाव कार्य जारी है और अब तक 14 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला जा चुका है. ITBP, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और पुलिस टीमों के लगभग 300 कर्मी बचाव कार्य में लगे हुए हैं. पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिरने से बचाव कार्य को कल मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. चट्टानों से टकराने के बाद कुछ वाहन भी सतलुज नदी में गिरे, जिनकी तलाश की जा रही है.
मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है
अधिकारियों ने यह भी आशंका व्यक्त की है कि बस, बोलेरो और उसमें बैठे यात्रियों का पता नहीं चलने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। उनके मलबे के साथ नीचे लुढ़कने का भी डर है। ट्रक भी पत्थरों से नदी किनारे पहुंचा और उसका चालक मृत पाया गया. मलबे के नीचे एक ऑल्टो कार भी दबी हुई मिली, लेकिन उसमें कोई नहीं था.
राष्ट्रपति ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की बातचीत
राहत एवं बचाव कार्य के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली. राष्ट्रपति ने कहा, कि मुझे बताया गया कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
हिमाचल प्रदेश में 13 जून के बाद 200 से ज्यादा मौतें
आपको बता दें कि हाल के दिनों में हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं से नाटकीय रूप से प्रभावित हुआ है. इस साल 13 जून से अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 27-28 जुलाई को लाहौल-स्पीति में भारी बारिश से सात लोगों की, केलांग और उदयपुर में बादल फटने से 12 लोगों की और 25 जुलाई को किन्नौर में पत्थर गिरने से नौ लोगों की मौत हुई थी.