लालजीत सिंह भुल्लर ने बजट को कृषि सहायक पेशों में नई जान फूँकने वाला दिया करार 

मोबाइल वैटरनरी यूनिटों से पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में होगी नए युग की शुरुआत


मोबाइल वैटरनरी यूनिटों से पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में होगी नए युग की शुरुआत

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पशु पालन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 की अपेक्षा 9 प्रतिशत वृद्धि के साथ 605 करोड़ रुपए किए आरक्षित

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

चंडीगढ़ । पंजाब के पशु पालन, मछली पालन एवं डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को कृषि सहायक पेशों को प्रोत्साहित करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने पशु पालन विभाग के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 605 करोड़ रुपए आरक्षित किए हैं, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले 9 प्रतिशत अधिक हैं।

पशु स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में नई तकनीक लाने के लिए बजट की सराहना करते हुए स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पशुओं के इलाज और माइनर ऑपरेशनों समेत किसानों के घरों तक पशुओं के इलाज के लिए मोबाइल वैटरनरी यूनिट चलाने के लिए पहली बार 13 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैं। कैबिनेट मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह अनूठा प्रोजैक्ट किसी भी इमरजैंसी की स्थिति में पशुओं को तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराएगा।

स. लालजीत सिंह भुल्लर ने वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा द्वारा अपना दूसरा प्रगतिशील और लोक-हितैषी बजट पेश करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि पशुओं के टीकाकरण के लिए 25 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैं, जिससे विभाग पशुओं के लिए अन्य आवश्यक टीकाकरण करवाने के लिए और अधिक सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने गोट पॉक्स वैक्सीन की 25 लाख डोज़ खऱीदी हैं ताकि राज्य में समूह गायों का टीकाकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब तक 7.45 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

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कैबिनेट मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि झींगे की काश्त के अधीन मौजूदा 1,212 एकड़ क्षेत्रफल को अगले 5 सालों में 5,000 एकड़ तक बढ़ाने के लिए 10 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैं, जो इस कृषि सहायक पेशे को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने के लिए सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि मछली, झींगा और सम्बन्धित उत्पादों की देखभाल के लिए सरकारी सब्सिडी के साथ 30 टन की क्षमता वाला एक आईस प्लांट स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है, जबकि दो टन क्षमता वाला मिनी फिश फीड मिल ज़िला जालंधर में सरकार की सब्सिडी के साथ स्थापित की गई है।