कविता।
बच्चों को बनाएँ पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी।
प्रकृति ही हमें देती जीवन निरोगी॥
प्रकृति का सानिध्य देता आत्मिक शांति।
कृत्रिम सुंदरता तो उत्पन्न करती है भ्रांति॥
प्रकृति की सुंदर छबि चहुं ओर है न्यारी।
बच्चे इसको अनुभव करके जीते दुनिया प्यारी॥
पर्यावरण की सुरक्षा है सबका दायित्व।
बच्चों को सिखाएँ वृक्षों का महत्व॥
पर्यावरण है हमारी अनमोल धरोहर।
जिसमें रहना लगता है मनोहर॥
प्रकृति की गोद में करें नित व्यायाम।
छोटे-छोटे प्रयासों से दे पर्यावरण सुरक्षा को नया आयाम॥
पर्यावरण जागरूकता का करना है प्रसार।
तभी होगा सुंदर पर्यावरण का स्वप्न साकार॥
पर्यावरण है उत्तम स्वास्थ्य का आधार।
हानि पहुंचाने वालों को करना होगा इंकार॥
पौधरोपण को हमें बढ़ावा देना होगा।
पर्यावरण संरक्षण का दायित्व निभाना होगा।।
बच्चों को सिखाएँ वे करें प्राकृतिक सम्पदा का सम्मान।
डॉ. रीना कहती, प्रकृति तो देती है उदारता का वरदान।
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)
प्रेषक:
डॉ. रीना रवि मालपानी