आनी के राज दर्जी रहे मास्टर तेजराम ने मनाया 99वां जन्मदिन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

आनी/कुल्लू।आनी के तत्तकालीन राजा रघुवीर सिंह के राज दर्जी रहे, आनी के तेशन गाँव निवासी मास्टर तेजराम ने अपने जीवन के 99 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किए।इस मौके पर तेजराम  के पौत्र लोकेन्द्र कुमार ने दादा   के 100 वर्ष की आयु में प्रवेश करने पर ,खुशी स्वरूप एक प्रीतिभोज समारोह का आयोजन किया, जिसमें उनके परिवार सहित कई अन्य लोगों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।

 लोकेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके दादा  तेजराम की दिनचर्या आज  भी गीता पाठ से शुरू होती है।
उनका जीवन संघर्ष सभी के लिए एक प्रेरणा है जिसकी जानकारी उनके जीवन के कुछ रोचक तथ्य हमें देते हैं।जिसमें 27 सितंबर1921 में जन्मे बुजुर्ग तेजराम की प्रारंभिक शिक्षा लाल पानी शिमला में हुई है, उनके सहपाठी पाकिस्तान के परमाणु बम निर्माता जुल्फिकार भुट्टो रहे हैं!
इन्होंने 1931 में पहली बार आनी से शिमला तब तक का सफर पैदल तय किया।
एक अंग्रेज अधिकारी के सानिध्य में सेवा का अवसर प्राप्त किया और 1932 से 1947 तक आजादी के संघर्ष की जानकारी आज भी उनके मानस पटल पर अंकित है और सरल शब्दों में उसे व्यक्त करते हैं।
वे आज की प्रशासनिक व्यवस्था को अंग्रेजी राज की अपेक्षा कम पारदर्शी मानते हैं।
एक विशाल परिवार का संरक्षक/पालक होते हुए उन्होंने अपनी सीमित आजीविका के साधनों में सभी बच्चों को शिक्षा दी और आत्मनिर्भर बनाया।
भारतीय जनसंघ और  राजा रघुवीर के साथ राजनीति में 1977 तक सक्रिय रहे।
शारदा देवी, इनकी भांजी जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा, उन्हें  विधायक बनते देखना; इनका सपना अधूरा रहा!
परिवार का बोझ उठाने के लिए इन्होंने लकड़ी का चिराई का काम और कपड़े भी सिलवाए।
सामाजिक सक्रियता और राजनीतिक रूचि का संस्कार तीसरी पीढ़ी तक जाता है; जिसका प्रमाण उनके सबसे छोटे पोते लोकेंद्र कुमार ने सिद्ध किया जो आज कुंगश जिला परिषद वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं।
विचारों में और समय चक्र के फेर में भले लोकेंद्र कुमार वामपंथी हैं लेकिन संस्कारों में पूर्णरूपेण दक्षिणपंथी अर्थात अपने दादा पर गए हैं।
भरे पूरे परिवार में  तेजराम जीवन का 99वा बसंत पाकर सौवे वर्ष में प्रवेश कर गए हैं।
जिस पर उनका विशाल परिवार गौरवान्वित है।समाज को ऐसे बयोवृद्ध नागरिक पर नाज है।