आदर्श हिमाचल ब्यूरो। ऊना,- सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सूचीबद्ध सांस्कृतिक दलों ने आज धनेत, डोहगी, ललड़ी, धर्मपुर, मावां सिंधियां और कलोह गीत-संगीत व नुक्कड़-नाटक के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों, दिव्यांगजनों और अन्य पिछड़ा वर्ग सहित अन्य वर्गों के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
इस मौके पर पूर्वी कलामंच, जलग्रां, नटराज कलामंच, नादौन और आर.के. कलामंच, ंिचतपूर्णी के कलाकारों ने दिव्यांगजनों के लिए चलाई जार रही योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऐसे दिव्यांग छात्र जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक हो, उन्हें बिना किसी आय सीमा के छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि स्वेच्छा से दिव्यांग लड़के या लड़की से विवाह करने पर 40 से 74 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर 25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि जबकि 75 व उससे अधिक दिव्यांगता होने पर 50 हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। प्रदेश में मूकबधिर व दृष्टिहीन बच्चों को शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ढली व सुदरनगर में संस्थान खोले गए हैं। यहां ऐसे बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही उनके रहन-सहन, रहने व चिकित्सा का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
इस दौरान सांस्कृतिक दलों ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, गृहिणी सुविधा योजना, खेत संरक्षण योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन इत्यादि के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर बीडीसी सदस्य पूजा ठाकुर, धर्मपुर की प्रधान सुभद्रा देवी व उपप्रधान राजीव कुमार, ललड़ी के प्रधान अशोक कुमार व उपप्रधान रघुवीर सिंह, धनेत की प्रधान राज कुमारी व उपप्रधान अशोक कुमार, डोहगी की प्रधान कमलेश कुमारी, मावां सिंधियां की प्रधान सुरजीत कौर व उपप्रधान दिलावर, कलोह की प्रधान नीलम व उपप्रधान अजय पाल सिंह सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।