मुख्यमंत्री बोले ….. आईआईटी विद्यार्थियों को पुलिस की कार्यप्रणाली जानने और समझने का मिलेगा मौका
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
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शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां हिमाचल प्रदेश पुलिस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के बीच एक समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया, जिसका उद्देश्य पारस्परिक विचार-विमर्श के लिए संस्थागत तन्त्र स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय, शिमला में सीसीटीवी निगरानी मैट्रिक्स और कमान केंद्र का शुभारम्भ भी किया। इसे कोविड-19 महामारी की तमाम बाध्यताओं के बावजूद केवल 65 दिनों की रिकाॅर्ड अवधि में स्थापित किया गया है। जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य पुलिस कर्मचारियों को नई तकनीकों, अपराधों का सामयिक एवं भौगोलिक विश्लेषण, समय-समय पर होने वाले अपराधों की प्रवृत्ति, यातायात प्रबंधन, ई-चालान, बीट पैट्रोलिंग प्रणाली, जोखिम एवं सुरक्षा विश्लेषण तथा साईबर न्याय संबंधी एवं साईबर सुरक्षा के बारे में अपना ज्ञानवर्धन करने की सुविधा प्रदान करना है। प्रदेश पुलिस और आईआईटी मंडी के मध्य यह सहयोग अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, क्षमता वृद्धि पर आधारित होगा, जिसमें पुलिस अधिकारी, आईआईटी संकाय, शोधकर्ता और विद्यार्थी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से आईआईटी विद्यार्थियों को पुलिस की कार्यप्रणाली जानने और समझने का मौका मिलेगा और प्रदेश पुलिस की विभिन्न इकाइयों में उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। विद्यार्थी पुलिस अधिकारियों के साथ पारस्परिक चर्चा कर सकेंगे, ताकि उन्हें अपराधों से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
मुख्यमुंत्री ने कह कि इससे प्रदेश पुलिस अधिकारियों विशेषकर जांच अधिकारियों को भी तकनीकी क्षेत्र में हुई उन्नति और पुलिस की व्यवहारिक कार्यप्रणाली में इसका उपयोग करने के बारे में अपनी जानकारी में वृद्धि का अवसर प्राप्त होगा। इस आपसी सहयोग के अंतर्गत पुलिस कार्यप्रणाली में सुधार होगा और विशेषकर पीटीसी डरोह और राज्य पुलिस की अन्य इकाइयों में दिए जाने वाले प्रशिक्षण में सुधार आएगा।
उन्होंने कहा कि अपने सभी घटकों के एकीकरण के साथ सीसीटीवी निगरानी मैट्रिक्स प्रणाली भविष्य सूचक पुलिस माॅडल पर केंद्रित है जो अपराध होने से पहले इसे रोकने के सिद्धांत पर कार्य करेगी। इस प्रणाली की अवधारणा अपराधों का पूर्वानुमान, अपराधियों एवं अपराध के शिकार होने वाले लोगों का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ अपराध स्थलों और समय का पूर्वानुमान करना भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 19 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरा स्थापित किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरा अपराध रोकने और अपराधियों की खोज करने, विभिन्न प्रकार की जांच प्रक्रियाओं, यातायात प्रबंधन, श्रम शक्ति के बेहतर प्रबंधन और पुलिस सेवाओं को सुधारने में बहुत सहायक हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की करीब 70 लाख जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, प्रदेश में 68 हजार सीसीटीवी कैमरा स्थापित किए जाने की आवश्यकता है जिन्हें चरणबद्ध तरीके से स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी। इससे न केवल अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी बल्कि राज्य में बेहतर यातायात प्रबंधन भी सुनिश्चित होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर और बद्दी पुलिस जिलों में चार कमान केंद्र प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार शेष जिलों में भी जिला स्तरीय कमान केंद्र स्थापित करने के प्रयास कर रही है। यह समय की मांग है कि पुलिस बल को आधुनिकत्म तकनीकों से लैस किया जाए ताकि स्थिति का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके क्योंकि असामाजिक तत्व भी विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध रोकने के लिए पुलिस को तकनीक के मामले में एक कदम आगे चलना होगा।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस प्रणाली के स्तरोन्यन के लिए प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रणाली से जहां पुलिस की कार्यप्रणाली बेहतर होगी वहीं अपराध रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम प्रयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्मार्ट सिटी बनने जा रहे शिमला और धर्मशाला शहरों में कमान नियंत्रण केन्द्र स्थापित करने के लिए प्रर्याप्त धन राशि प्रदान की जाएगी।
शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि इस पहल के साथ राज्य पुलिस ने न केवल कठिन परिश्रम सुनिश्चित किया है, बल्कि कुशल कार्यप्रणाली दिशा में भी आगे बढ़ी है। इस पहल से पुलिस बल को तकनीक के अधिकाधिक प्रयोग के साथ अपना कार्य करने अनुकूल माहौल भी मिलेगा।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने राज्य पुलिस की कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित बनाने के लिए नई तकनीकेें अपनाने के प्रयासों की सराहना की।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि राज्य पुलिस विभाग नियमित रूप से पुलिस, तकनीकी विशेषज्ञों, आईआईटी अध्यापकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को सम्मिलित कर अकादमिक सम्मेलन, कार्यशालाओं का आयोजन करवाएगा। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित मामलों की जांच को आसान बनाने और जांच के लिए एक सघन प्रोटोकाॅल तैयार करने में मदद करेगा।
संजय कुण्डू ने कहा कि राज्य पुलिस के इस कदम से महिलाओं व बच्चों के विरूद्ध अपराध रोकने में सहायता मिलेगी और राज्य में सौहार्दपूर्ण वातावरण भी स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से और सीसीटीवी कैमरा स्थापित किए जाएंगे।