पूर्व कर्मचारी नेता की हुंकार, एमआर सगरोली का कोटखाई से उप चुनाव लड़ने का ऐलान

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शिमला: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व महामंत्री और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग वुमन एंड चाइल्ड वेलफेयर से सेवानिवृत्त हुए संयुक्त निदेशक एम.आर. सगरोली ने हिमाचल प्रदेश के 3 चुनाव क्षेत्रों के जुब्बल नावर कोटखाई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.

एम.आर. सगरोली ने कहा है कि उन्होंने अपना 3 पृष्ठों का बायोडाटा पत्र के साथ हिमाचल प्रदेश के भाजपा प्रभारी अविनाश खन्ना जी, हिमाचल भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा, कोटखाई के चुनाव प्रभारी सुरेश भारद्वाज को सौंप दिया है और इसके अलावा ईमेल के माध्यम से अखिल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी बायोडाटा भेजा है.

एम.आर. सगरोली ने कहा वर्ष 99-98 में में प्रदेश एनजीओ महामंत्री था . वर्ष 2009-2010 में धूमल  के कार्यकाल कार्यकाल में मैंने चौपाल चुनाव क्षेत्र से टिकट की मांग की थी, क्योंकि कोई विशेष बीजेपी नेता उस समय वहां नहीं था. परंतु टिकट सीमा मेहता को दे दिया गया जिसकी जमानत भी नहीं बच पाई थी.

सगरोली ने कहा मेरा विधानसभा क्षेत्र जुब्बल नावर कोटखाई है. में ग्राम पंचायत बरथाटा का स्थाई निवासी हूं. मैंने 33 वर्षों तक प्रदेश के जनजातिय विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ,वुमन एंड चाइल्ड विभाग में तृतीय श्रेणी से लेकर उच्च श्रेणी संयुक्त निदेशक के पद पर कार्य किया है, जिसमें मैंने लगभग 30 विभागों के जनजातीय उपयोजना ,अनुसूचित जाति योजना ,केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं विशेष केंद्र सहायता के तहत बजट प्लान 30 विभागों की योजनाओं का कार्यान्वयन ,देखभाल , मूल्यांकन सुनिश्चित करना तथा जिला स्तरीय योजनाओं की समीक्षा बैठक को और पुस्तकों के रूप में वित्त विभाग में लिस्ट ऑफ स्कीम्स बजट सहित पूरे प्रदेश में कार्यान्वयन कराया है.

इससे पूर्व में हिमाचल प्रदेश के 2.5 -3 लाख कर्मचारी वर्ग ब्लॉक यूनिट से लेकर राज्य स्तर तक सचिव ,उप प्रधान , प्रधान के पदों पर विभिन संगठनों में 20 वर्ष कर्मचारी हितों की लड़ाई लड़ी है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने 4 वर्षों तक प्रदेश महासंघ का राज्य संयुक्त सचिव और 4 वर्षों तक बड़ी जिम्मेदारी के पद पर महामंत्री रहा हूँ . प्रदेश के हर एक मुख्यमंत्री के कार्यकाल में 30 से 35 दिनों के हर संघर्ष में एक योद्धा के तौर पर कर्मचारी हितों की लड़ाई लड़ी है. काम नहीं वेतन नहीं की राज्यव्यापी हड़ताल में 21 दिन तक हिमाचल और हरियाणा की सेंट्रल जेल अंबाला में भी रहा हूं . यही नहीं सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर तीन वर्ष डिसमिस रहा हूँ.

 

हिमाचल पंजाब यूटी चंडीगढ़ और हरियाणा की संयुक्त संघर्ष समितिओं में हिमाचल प्रदेश का कई कमेटियों में प्रतिनिधित्व

सगरोली ने कहा की में तीन राज्यस्तरीय विभागीय संस्थाओं में 5 से 10 वर्षों तक प्रधान भी रहा हूं और शिमला की सामाजिक व कल्याणकारी कई संस्थाओं का भी कई कई वर्षों तक प्रधान रहा हूँ.

सगरोली का कहना है कि उनका पूरे प्रदेश में हर तीसरा व्यक्ति नाम से जानता है और अपने विधानसभा क्षेत्र जुब्बल नावर कोटखाई मैं तो हर घर ,परिवार उन्हें व्यक्तिगत तौर से जानता है और पहचानता है पूरा कर्मचारी वर्ग ,उनके प्रत्येक गांव में नाता-रिश्ता, सभी यार दोस्तों ,सभी नए-पुराने प्रधानों को, प्रधान सचिव, जिला परिषद, समिति सदस्य उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं क्योंकि उन्होंने पंचायती राज विभाग के सौजन्य से उन्हें सभी बैच वाइज बजट प्लान स्कीम 30 विभागों में चलाई जाने वाली योजनाओं की ट्रेनिंग के दौरान अपने वक्तव्य दिए हैं और प्रशिक्षण दिया है.

सगरोली ने आगे कहा कि उनके प्रशासनिक, कर्मचारी संगठन और लंबे राजनीतिक संबंधों और तजुर्बे को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार व प्रदेश संगठन उन्हें उम्मीदवार के तौर पर जरूर जरूर टिकट देंगे. वह वर्तमान में 10 – 12 वर्षों से पूर्णता भाजपा के सदस्य हैं और संगठन द्वारा समय-समय पर दी गई पार्टी की गतिविधियों की हर जिम्मेदारी को सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से निभाते आ रहे हैं.

सगरोली ने कहा कि वे गत 5 वर्षों से टूटू-मज्याठ वार्ड के ग्राम केंद्र अध्यक्ष है.  पिछले चुनाव में ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी डॉ प्रमोद शर्मा जी के लिए भी पूरा दिन रात काम किया है. जिसका पार्टी को पता है| सगरोली ने कहा कि पार्टी जीतने की क्षमता को देखते हुए अब गंभीरता से विचार करेगी प्रदेश का संगठन और हाईकमान का टिकट मिलने पर जो निर्णय होगा उसका वह सम्मान करेंगे और पार्टी के लिए कार्य करेंगे. सगरोली ने घोषणा की यदि उन्हें टिकट मिलता है तो वह पार्टी को निराश नहीं करेंगे और जीत कर आएंगे.

सगरोली ने यह भी कहा कि यदि उन्हें टिकट मिलता है तो वह सिर्फ एक चुनाव लड़ेंगे और जीत कर आने पर भी वे दूसरा चुनाव नहीं लड़ेंगे उसके बाद वह प्रदेश भाजपा संगठन के काम करते रहेंगे.