असमय बर्फ़बारी से किसानों-बागवानोंको हुए नुकसान पर मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने मुख्यमंत्री को लिखा 8 बिंदुओं का सुझाव पत्र

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला।  मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने प्रदेश में पहले असमय भारी वर्षा, ओलावृष्टि और हिमपात से प्रदेश के किसानों व बागवानों को पहुंचे आर्थिक नुकसान पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गत 23 अप्रैल को हुई बर्फ़बारी ने किसानों-बागवानों विशेषकर सेब व अन्य फल उत्पादकों की 5 हज़ार करोड़ की आर्थिकी की कमर तोड़ कर रख दी है।

उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक आठ सूत्रीय सुझाव पत्र भी लिखा है। शिमला से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि सेब अकेले ही प्रदेश की जीडीपी में एक बड़ा योगदान  देता है और उसका प्रदेश के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहता है।  लेकिन जिस तरह से प्रकृति ने पिछले तीन दिनों से बागवानों पर कहर ढ़ाया है। उससे न केवल बागवानों की आर्थिकी को भारी नुकसान पहुंचा है बल्कि प्रदेश के बागवानों और किसानों में मातम का माहौल छा गया है।

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उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मैंने आज एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वे इस आपात काल में प्रदेष के बागवानों व किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया करने के साथ-साथ अन्य उपाय करें ताकि बागवानों को राहत के रूप में तुरन्त मरहम लगाया जा सके।

इस विषय पर बरागटा ने व्हाट्सएप के माध्यम से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, भाजपा के सहप्रभारी संजय टण्डन और सांसद व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप को भी प्रदेश के किसानों व बागवानों को हुए नुकसान की जानकारी से अवगत करवाया ताकि केन्द्रीय सरकार से तालमेल कर बागवानों के हितों के लिए उचित कदम उठाया जा सके।

 

मुख्य सचेतक ने 8 बिन्दुओं का सुझाव पत्र मुख्यमंत्री के समक्ष उनके हस्तक्षेप के लिए रखा है और आशा जताई है कि मुख्यमंत्री जो खुद एक बागवान व किसान है, वे तुरन्त इसमें हस्तक्षेप करेंगे तथा बागवानों व किसानों के दुःख में उनका हौसला बढ़ायेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ होने के बाद वे  व्यक्तिगत रूप से उन्हें सारी परिस्थितियों से अवगत करवाएंगे।

मुख्यमंत्री को लिखे सुझाव पत्र में नरेंद्र बरागटा ने लिखा कि कोविड संकट काल में वे खुद भी कोरोना पॉजिटिव है और इस कारण मैं व्यक्तिगत रूप से मिलने में असमर्थ हैं।  इस पत्र के माध्यम से महत्वपूर्ण विषय पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ ।

जहां एक ओर कोरोना का संकट हम सब के लिए चिन्ताजनक हैं वही दिनांक 23.04.2021 को प्राकृतिक आपदा जिसमें बागवानी एवं सेब उत्पादक क्षेत्रों में असमायिक बर्फबारी ने सेब एवं अन्य फल उत्पादकों की रीढ़ तोड़कर रख दी ऐन।  मुझे मोबाइल द्वारा व सोशल मीडिया पर सैंकड़ों बागवानांे ने बगीचे तबाह होने की जानकारी दी हैं। मुझे आपको सूचित करते हुए दुःख हो रहा है कि कई बागवानों के पेड़ तो जड़ से उखड़ गए है।

महोदय ऐसी भयावह स्थिति के बीच बागवान अपने आप को असहाय व अकेला महसूस कर रहा है। महोदय ऐसे समय में मैं आपसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कुछ निर्णय लेने व कुछ निर्णयों पर पुर्नविचार करने की मांग करता हूँ कृप्या निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की कृपा करेंः-

1. हाल ही में हुई बर्फबारी व ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीमें गठित की जाए जो तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। इसी तरह ही बागवानी विष्वविद्यालय के विषेषज्ञों व बागवानी विभाग के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों मंे भेजकर बागवानों से संवाद स्थापित कर प्रभावित पेड़ों के नुकसान की भरपाई के लिए टेक्निकल इनपुट देने का निर्देश देने की कृपा करें ।

2. हाल ही में सरकार द्वारा बागवानी विस्तार केन्द्रों के माध्यम से स्प्रे की दवाईयांे की बिक्री रोकने व खुले बाज़ार से स्पउपजमक दवाईयों को प्रदान करने का निर्णय लिया गया है उसे तुरन्त वापस लेने की कृपा करें एवं पूर्ववत अभिलम्ब बागवानी विभाग के विक्रय केन्द्रों से ही दवाईयों की उपलब्धता सुनिष्चित करवाने की कृपा करें ।

3. मुझे जानकारी मिली है कि बागवानी विस्तार अधिकारियों के पदों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है अतः आपसे निवेदन है कि इस निर्णय पर भी तत्काल पुर्नविचार की आवश्यकता है।

4. फ़सल बीमा योजना एंव केसीसी से काटी जाने वाली बीमा राशि की समीक्षा करने की तत्काल आवश्यकता है। कृप्या संबंधित जिलाधीशों को आदेश देने की कृपा करे ताकि वे बैंक व बीमा कम्पनियों के अधिकारियों से चर्चा कर इस संकट की घड़ी में बागवानों को तुरन्त उचित मुआवज़ा प्रदान करें।

5. महोदय, एक बार पुनः समय आ गया है कि ऐन्टी हेल नेट के अधिक उपयोगी तकनीक को नीतिगत योजना के तहत लागू किया जाये। ऐन्टी हेल नेट के उपयोगकर्ताओं को कल की घटना से ज़्यादा नुकसान हुआ है।

6. ऐन्टी हेल नेट बागवानी व कृषि उपकरणों पर उपदान के हज़ारों मामले वर्षों से लम्बित पड़े है कृप्या इस संदर्भ में ध्यान देकर इनका तत्काल भुगतान ऐसी विषम परिस्थितियों में कर देना चाहिए।

7. मण्डी मध्यस्थ्ता योजना के अंर्तगत एचपीएमसी द्वारा सेब खरीद का भुगतान लम्बित है कृप्या इसे तत्काल जारी करवाने के निर्देश प्रदान करें।

8. उपरोक्त दृष्टिगत बागवानों को हुए नुकसान की समीक्षा हेतु वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेष की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी बनाई जाये ताकि प्रदेष मंे हुए नुकसान की आकलन रिपोर्ट से तुरन्त केन्द्रीय सरकार को अवगत करवाया जा सकेें।

नरेंद्र बरागटा ने आशा जताई कि मुख्यमंत्री बागवानों में उत्पन्न व्याकुलता को ध्यान में रखते हुए इन मामलों पर तत्काल कार्रवाही कर बागवानों की चिन्ताओं को दूर करने का प्रयास करेंगें