शिमला: देश भर में आज भगवान श्री परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। जिन्होंने ब्राह्मण होकर भी क्षत्रिय का जीवन जिया। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री परशुराम ने 21 बार धरती को क्षत्रियों से मुक्त कर दिया था। और बताया जाता है कि भगवान परशुराम को अमृत्व का वरदान प्राप्त था और भगवान आज भी पृथ्वी पर ही मौजूद है।
भगवान परशुराम का हिमाचल से है गहरा संबंध
भगवान श्री परशुराम की मान्यता पूरे देश भर में है और हिंदू धर्म से जुड़े लोग उन्हें श्रद्धा से पूजते हैं। मगर भगवान परशुराम का नाता हिमाचल से भी बेहद खास है। मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम महर्षि जमदग्नि की संतान थे जो हिमाचल के पर्वतों में वास करते थे। आज के सिरमौर ज़िला की रेणुका झील भगवान परशुराम की मां माता रेणुका का प्रतीक है। कथाओं में जिक्र मिलता है भगवान परशुराम की माता रेणुका जी आज की रेणुका झील के समीप वार करती थी और उन्होंने वही समाधि ले ली जिसके बाद वहां पर झील का निर्माण हुआ। और आज भी हर वर्ष रेणुका में रेणुका मेला आयोजित किया जाता है जो मां और बेटे के मिलन का प्रतीक है।