आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। करीब 20 वर्ष पुरानी ंउठाऊ सिंचाई योजना गानिया पिछले चार वर्षों से जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी है, जिस कारण नारिगा, गानिया, बाऊंटला इत्यादि सैंकड़ों बीघा भूमि बंजर हो चुकी है लेकिन जल शक्ति विभाग इस योजना के जीर्णोद्धार के लिए आज तक कोई पग नहीं उठाया गया है ।
कृषि विकास संघ गानिया-नारिगा के प्रधान बाला राम वर्मा का कहना है कि वर्ष 2000 के दौरान इस ऊठाउ सिंचाई योजना का लोकापर्ण इस क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं मंत्री रूपदास कश्यप नेे किया गया था । इस योजना के तहत गिरि नदी से पानी को उठाया गया था लेकिन पिछले चार वर्षों से यह योजना बंद पड़ी है ।
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नारिगा पंपिग स्टेशन पर लगी मोटर व अन्य मशीनरियां पूर्णतया खराब हो चुकी है । बाला राम वर्मा का कहना है कि कृषि विकास संघ की बैठक में पिछले चार वर्षों से लगातार प्रस्ताव पारित करके जल शक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजे जा रहे है लेकिन विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया है ।
इनका कहना है कि विभाग की उदासीनता के कारण तीन गांव की सैंकड़ों बीघा भूमि बंजर हो गई है और पानी न होने के कारण किसान नकदी फसलों को उगाने में असमर्थ हैं ।
अधिशाषी अभियंता आईपीएच शिमला राकेश वैद्य ने बताया कि इस योजना की मुरम्मत के लिए साढ़े पांच की लाख की राशि स्वीकृत कर दी गई है और शीघ्र ही इस योजना को क्रियाशील बनाया जाएगा ।