आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला: हिमाचल प्रदेश के आईजीएमसी में न्यूरो सर्जरी विभाग ने अवेक करेनोटॉमी तकनीक के माध्यम से जागते हुए मरीज के दिमाग का सफल ऑपरेशन किया है. आईजीएमसी के डाक्टरों का दावा है कि हिमाचल में यह इस तरह का पहला ऑपरेशन है. अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक व न्यूरो सर्जन डॉ. जनक ने बताया कि मरीज के दिमाग के बांए हिस्से में टयूमर था.
मरीज के जिस हिस्से में टयूमर था दिमाग का वह भाग शरीर के दाएं हिस्से को नियंत्रित करता है. बीमारी और ऑपरेशन की जटिलता के चलते, मरीज के दाएं पैर व बाजू के साथ बोलने की क्षमता खोने का भी डर था, लेकिन अवेक करेनोटॉमी तकनीक ये ऑपरेशन सफल हुआ है. मरीज को अभी भी निगरानी में रखा गया है.
अस्पताल की ओर से जारी वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि मरीज को हाथ उठाने के लिए कहा गया तो वो हाथ उठा रहा था. वहीं जीभ बाहर निकालने के लिए कहा तो जीभ भी निकाली. डॉक्टरों की एक टीम मरीज के ब्रेन का ऑरपेशन कर रहे थे.
डॉ. जनक ने बताया कि कोरोनाकाल में आईजीएमसी प्रशासन की टीम ने अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाओं में विस्तार किया है. अस्पताल में इसी दौरान इमरजेंसी लैबोरेट्री और सुपरसपेशल्टी कोर्स शुरू किए हैं. उनका कहना है कि पहली बार आईजीएमसी शिमला में बिना बेहोश किए इस तरह का पहला ऑपरेशन हुआ है.
उन्होंने मरीज की उम्र 42 वर्ष बताई है. बता दें कि यह ऑपरेशन 25 अगस्त को हुआ, जबकि 5 महीने से आईजीएमसी में ही मरीज का उपचार चल रहा था. ऑपरेशन से पहले मरीज को एक हफ्ता पहले एडमिट कर ऑपरेशन के लिए तैयार करने के साथ-साथ निगरानी में रखा गया था.
डॉ. जनक ने ऑपरेशन की सफलता के लिए पूरी टीम को बधाई पात्र बताया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हिमकेयर स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. अब लोगों को उपचार के लिए बहार नहीं जाना पड़ता है, बीते कोरोना काल में आईजीएमसी में कई तरह के ऑपरेशन किए गए हैं जिनमें किडनी ट्रांसप्लांट जैसे बड़ी उपलब्धि शामिल है.