आदर्श हिमाचल ब्यूरो
लाहौल-स्पीति। हिमाचल प्रदेश में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के काजा में इन दिनों जहां बर्फबारी के कारण रास्ते बंद पड़े हैं तो वहीं ऑनलाइन स्टडी के लिए बच्चों को बर्फ में लगभग दस किलोमीटर दूर चलकर जाना पड़ रहा है। कारण यह हैं कि बर्फबारी होने से काजा के दूरदराज गांवों में मोबाइल सिग्नल नहीं होता तथा जिओ का सिग्नल मिलने के लिए बच्चों को इस कड़ाके की ठंड में और बर्फ के बीच ऐसे स्थान पर जाना पड़ता हैं जहां मोबाइल में सिग्नल आ जाएं। प्रदेश के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चें अपनी शिक्षा पैदल चलकर ही ग्रहण कर रहे है।
दूसरी ओर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के साथ प्रदेश सरकार ने एक नहीं कई बार फीस व स्कूल के अन्य वार्षिक खर्चे से संबंधित अधिसूचना जारी कर पहले साफ इनकार किया गया, अब निजी स्कूल वालों को खुली छूट दे दी गई है कि स्कूल के सभी खर्चे अभिभावकों से वसूल सकते हैं। जबकि बच्चों को बड़ी मुश्किल से अपनी अपनी शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने घर से पैदल चल कर किसी स्कूल व कोचिंग सेंटर जाने के बजाय बर्फ की ऊंची-ऊंची पहाडि़यों में जा कर अपनी पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लाहुल-स्पीति के काज़ा उपमंडल के अंतर्गत आने वाले कियामो गांव के तेंजीन तनपा का कहना हैं कि गांव में मोबाइल सिग्नल होने से बच्चों को बर्फ में 10 से 12 किलोमीटर पैदल चल कर लोसर गांव में जिओ के सिग्नल में पढ़ाई करने के लिए जाना पड़ता हैं। तेंजीन तनपा ने कहा है कि 15 दिनों के भीतर जिला प्रशासन ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए, तो क्षेत्र के सभी लोगों को संगठित होकर सड़कों पर आकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ उग्र आदोंलन करने से पीछे नहीं हटेगें।