सोलन: देश भर में अब गन्ने के भूसे पर भी मशरूम उग सकेगी यह खोज खुंभ अनुसंधान केन्द्र चम्बाघाट के वैज्ञानिको ने की है. बता दें कि इस से पूर्व गेहूं के भूसे पर उगती थी लेकिन देश के एक मात्र खुम्ब अनुसंधान निदेशालय चम्बाघाट के वैज्ञानिकों ने तीन वर्ष के कड़े शोध के बाद खुम्भ अनुसंधान केन्द्र चम्बाघाट में गन्ने के भूसे से खाद तैयार कर मशरूम का उत्पादन किया है.
खुंभ अनुसंधान केन्द्र चम्बाघाट के वैज्ञानिको की मेहनत रंग लाई है. अनुसंधान के वैज्ञानिको ने गेहू के भूसे में मशरूम का सफल उत्पादन किया है. इस से भूसे की कमी तो दूर होगी वहीं दूसरी और देष के गन्ना बाहुल राज्यों में किसानो बागवानो को कम लागत में मशरूमउगा सकते है. गन्ने का भूसा बेहद कम दाम में मिलता है वहीं गेहूं का भूसा महंगा है इस से कम लगात में अधिक उत्पादन से किसानो की आमनदनी दोगुनी होगी .
सोलन संवाददाता से बात करते हुए खुंभ अनुसंधान केन्द्र चम्बाघाट के निदेशक डा वी पी शर्मा ने बताया कि अब देश भर के किसान अब गन्ने के भूसे पर भी मशरूम
उगा सकते है. गेंहू के भूसे के मुकाबले इसमें आठ गुणा अधिक पैदावार का सफल परिक्षण किया गया है. उन्होंने बताया कि इस से किसानो की आमनदी बढेगी वहीं दिल की बीमारी के लिए भी रामबाण, मधुमेह व मोटापे के लिए भी यह मशरूम लाभकारी होती है.