आदर्श हिमाचल ब्यूरो
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शिमला। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की विश्वविद्यालय इकाई छात्रों की समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौंपने कुलपति कार्यालय गए लेकिन कुलपति ने छात्रों की समस्याओं को सुनने से इनकार कर दिया। एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति आरएसएस और बीजेपी के लोगों से अपने ऑफिस में मिलते हैं परन्तु जब हम छात्रों की समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से कुलपति से मिलने जाते हैं तो कुलपति हर बार मिलने से मना कर देते है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके चलते एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी डीएस के माध्यम से कुलपति को ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन के माध्यम से छात्रहित में मुख्य मांगों को रखा गया……
विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए मेरिट की बजाय प्रवेश परीक्षाएं करवाने की मांग की गई। गौरतलब है कि प्रवेश परीक्षा के लिए प्रदेशभर के हज़ारों छात्रों से आवेदन लेने के बाद विश्वविद्यालय अब मेरिट के आधार पर एडमिशन देने की बात कर रहा है। इस फैसलें का सभी छात्र संगठन विरोध कर रहे है। एनएसयूआई ने 2013 के बाद के सभी कॉलेज छात्रों के लिए इंटरनल असेसमेंट पोर्टल खोलने की मांग भी प्रमुखता से उठाई।
महाविद्यालय में UG में प्रवेश लेने की अंतिम तारीख 30 अक्तूबर से बढ़ाये जाने की भी मांग की गई। 29 अक्तूबर को हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10+2 reappear का परीक्षा परिणाम घोषित किया था जिस कारण क़ुछ छात्र online फॉर्म भरने से वंचित रह गए थे अतः महाविद्यालय में उनके लिए प्रवेश लेने की अंतिम तारीक को बढ़ाया जाए।
विश्वविद्यालय में पुस्तकालय को छात्रों की 50 प्रतिशत capacity के साथ खोला जाए।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव यासीन भट्ट, प्रदेश सचिव रजत राणा, डैन्नी पंगवाल आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।