
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। संयुक्त किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश के संयोजक एवं भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अनिंदर सिंह नौटी ने कहा है कि 27 सितंबर को भारत बंद के दौरान हिमाचल प्रदेश में भी पूर्ण बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर को 3 काले कृषि कानूनों को संसद में अलोकतांत्रिक तरीके से बिना चर्चा पास करवाने सहित अनेक किसान विरोधी निर्णय लेने के कारण पूरे देश में भारत बंद का आह्वान किया गया है।
ने कहा कि भारत के 28 राज्यों में बड़ी-बड़ी किसान महापंचायतों तथा किसानों की बैठकों का दौर जारी है। उन्होंने इन तीनों कृषि बिलों को किसानों के डेथ वारंट करार देते हुए कहा कि इन तीन काले कानूनों के विरुद्ध, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून और बिजली संशोधन विधेयक की वापसी जैसे मुद्दों और मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूरे देश में बंद की कॉल दी गई है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी 27 सितंबर को पूरे हिमाचल बंद की कॉल दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस बंद को सफल बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के सभी घटक संगठन तथा भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश हर जिला में व्यापारिक संगठनों, ट्रक व बस यूनियन के पदाधिकारियों, श्रमिक संगठनों तथा अन्य स्टेक होल्डर से बात करके उनसे सहयोग मांगा जा रहा है। किसान नेता ने काह कि सभी संगठनों से बंद को सफल बनाने में सहयोग के लगातार आश्वासन मिल रहे हैं, जिसके आधार पर वे यह दावा कर सकते हैं कि यह बंद इस बार हिमाचल प्रदेश में भी पूर्णतः सफल होगा।
इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा तथा भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी बैठकें कर रहे हैं। विगत दिनों में जिला शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी जिलों के कई क्षेत्रों में इस बारे में बैठकों का आयोजन हो चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा तथा सेब उत्पादक जिलों में भी इस बंद की सफलता सरकार को यह स्पष्ट संदेश देंगी कि किसानों को हाशिए पर रखना अब सरकार को आने वाले समय में भारी पड़ेगा।
अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि सेब सीजन समाप्ति की ओर है, लेकिन अभी तक सेब के किसानों को इस वर्ष मौसम तथा बर्फबारी से हुए नुकसान के एवज में एक रुपए का भुगतान भी प्रदेश सरकार ने नहीं किया है। साथ ही न ही सेब की गिरती कीमतों को लेकर सरकार ने कोई ठोस कदम उठाए हैं। इस कारण सेब तथा सब्जी उत्पादक किसान भी इस बंद को सफल करने में अपना पूरा सहयोग तथा जी-जान लगाने जा रहे हैं।