वाकआउट करना विपक्ष का मकसद, इस ढंग से आगे नहीं बढ़ा जाता-सुक्खू
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
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शिमला। हिमाचल विधानसभा में आज BJP विधायकों ने पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या कम करने का मामला उठाया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने पहले नारेबाजी की और बाद में सदन से वॉकआउट किया।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने जल्दबाजी में बिना चर्चा के शिमला MC में वार्डों की संख्या को कम किया है। MC में वार्डों की संख्या 41 से 34 करने को एक दिन में बिल लाया गया और दूसरे दिन पास कर किया गया। बार-बार महिलाओं की एक ही सीट आरक्षित हो रही थी। अन्य को भी मौका नहीं दिया।
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वहीं सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व सीएम गुस्सा नहीं करते। आपको बोलने दिया गया। यह व्यवस्था परिवर्तन ही है। वाकआउट करना इनका मकसद है। इस ढंग से आगे नहीं बढ़ा जाता। नगर निगम के चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले करने अनिवार्य हैं। पर ऐसी व्यवस्था लाई कि चुनाव नहीं हुए। वार्डों की संख्या अध्यादेश लाकर कानून बनाया गया। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अगर इनको इतनी चिंता थी तो चर्चा करते। ये गंभीर नहीं है। ये अखबार की सुर्खियों में रहने के लिए सदन से बाहर वाकआउट कर गए। पठानिया ने कहा कि यह मुद्दा देरी से उठाया जा रहा है। वह इस पर कोई बात नहीं करेंगे।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन के भीतर विपक्ष की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है विपक्ष को अपनी बात रखने के लिए विधानसभा में समय नहीं दिया जा रहा हैं बीते कल सरकार ने विपक्ष की गैर हाजिरी में बिल पारित कर वार्डों की संख्या को 41 से 34 किया है जो कि चुनाव आयोग के नियमों की भी उल्लंघना है। पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार वार्ड का पुनर्सीमांकन करके संख्या बढ़ाई थी लेकिन वर्तमान सरकार ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फिर से वार्डों की संख्या को कम कर दिया है। इसके अलावा जो रोस्टर भी बनाया गया है वह भी बिल्कुल उलट है। संख्या के आधार पर रोस्टर ना बनाकर अपनी जीत के अनुसार रोस्टर बनाया गया है। वही 5 दिन में लगभग 11000 फर्जी वोटर भी बनाए गए हैं ताकि कांग्रेस नगर निगम पर अपनी जीत सुनिश्चित कर सके। विपक्ष इसका विरोध करता है।
वन्ही विपक्ष के वॉकआउट पर सीएम ने पलटवार किया है। सीएम ने कहा कि विपक्ष पूर्व सरकार में हमीरपुर चयन आयोग में हुई धांधलियों पर चर्चा की तैयारी करके नही आया था। सदन में इसको लेकर चर्चा होनी थी चर्चा से बचने के लिए विपक्ष ने नगर निगम को मुद्दा बनाकर वॉकआउट कर सदन से बाहर चला गया। पूर्व सरकार में आयोग में पेपर लीक माफिया काम कर रहा था और लाखों रुपयों में पेपर बेचे गए हैं जिसकी वर्तमान में जांच चल रही हैं जांच में जो भी दोषी पाया जा रहा है उसे गिरफ्तार किया जा रहा है।