अब शीघ्र ही भरे जाएंगे अनाथ बच्चों के फार्म, मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का उठा सकेंगे लाभ 

उपायुक्तों को जिला स्तर पर भी सौंपा गया है योजना के कार्यान्वयन की निगरानी का जिम्मा

मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते सुक्खू
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते सुक्खू

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना के तहत पात्र अनाथ बच्चों के फार्म शीघ्र भरने की आवश्यकता पर बल दिया जाए ताकि समय पर उन्हें इस योजना के लाभ प्रदान किए जा सकें।

 

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मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उप-मण्डलीय स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी को शीघ्र मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के फार्म उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को योजना के तहत फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ करने को भी कहा। योजना के लिए 6 जुलाई को मानक संचालन प्रक्रिया अधिसूचित की गई थी तथा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी का जिम्मा उपायुक्तों को जिला स्तर पर सौंपा गया है।

 

उप-मण्डल स्तर पर योजना की निगरानी पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एक कानून पारित कर लगभग 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है तथा इनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार की है।

 

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला मण्डी के सुन्दरनगर में 50 बीघा से अधिक भूमि पर प्रस्तावित अत्याधुनिक आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर की समीक्षा भी की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को परियोजना के कार्य में तेजी लाने तथा 15 दिनों के भीतर निविदा प्रक्रिया आरम्भ करने के निर्देश दिए ताकि यह परिसर शीघ्र निर्मित किया जा सके और वृद्धजनों, दिव्यांग बच्चों व निराश्रित महिलाओं को आवासीय सुविधा प्राप्त हो सके।