परवाणू अपडेट: थम गई नरेश की तलाश प्रशासन से नाखुश हुआ परिवार

आदर्श हिमाचल सोलन (परवाणू) :

Ads

परवाणू में तीन दिन की मशक्कत के बाद प्रशासन ने नरेश को निकाल तो लिया लेकिन नरेश की जान नहीं बचा सका प्रशासन। हालाँकि प्रशासन द्वारा बचाव कार्य में कोई ढील नहीं बरती गई परन्तु नरेश की जान न बचा पाना परिवार के दिल में प्रशासन की लापरवाही के रूप में घर कर गया। स्वजनों ने इस बात पर रोष जताया कि नरेश के शव को वीरवार देर शाम को निकाल लिया गया था परन्तु पोस्टमॉर्टम में देरी की गई।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को ज्ञात था की हम दूर से आए हैं तथा वापसी का सफर लम्बा है, बावजूद इसके दोपहर तक शव नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से हमें सांत्वना तो दूर किसी ने चाय तक नहीं पूछी। इस बारे में बात करने पर ईएसआई परवाणू के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कपिल ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से देरी नहीं की गई परन्तु पोस्टमॉर्टम के लिए तैनात सफाई कर्मचारी को अधरंग होने के कारण थोड़ी देरी जरूर हुई। जिस कारण कालका से सफाई कर्मचारी को बुलाना पड़ा जिससे थोड़ी देर जरूर हुई परन्तु निश्चित समय व न्यूनतम कार्यवाही करते हुए हमने परिजनों को शव सौंप दिया था क्योंकि पोस्टमॉर्टम में 2 से ढाई घंटे का समय लगता है।

समाजसेवी संस्थाएं नहीं आई सामने

परवाणू में समय-समय पर समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सुर्खियां बटोरने के लिए शहर में कई सामाजिक कार्य किये जाते हैं परन्तु आपदा के समय कोई समाजसेवी संस्था आगे नहीं आई। हालाँकि सरकार की ओर से परिवार को फौरी राहत के तौर पर 20000 रूपये एसडीएम कसौली द्वारा दिए गए। वहीँ भवन मालिक की ओर से 50000 रुपये माइक्रोटेक के मालिक सुबोध गुप्ता की ओर से 50000 रुपये व शिरडी साईं भक्त संगठन के प्रदेशाध्यक्ष व समाजसेवी सतीश बेरी की ओर से 10000 रुपये परिवार को दिए गए।

उद्योग संघ की ली मदद

पोस्टमॉर्टम में विलम्ब के चलते परेशान परिवार की हालत को देखते हुए एसडीएम संजीव धीमान द्वारा उद्योग संघ की मदद से मुफ्त एम्बुलेंस की व्यवस्था दी गई ताकि वह समय से घर पहुँचकर बेटे का अंतिम संस्कार कर सकें। एसडीएम ने परिवार की मदद के लिए उद्योग संघ से परिवार की मदद के लिए एम्बुलेंस की मांग की। जिसे उद्योग संघ ने सहर्ष स्वीकार करते हुए घर तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था मुहैया कराई।

लोगों ने पुलिस प्रशासन व एसडीएम की प्रशंसा की परवाणू में चार मंजिला में दबे नरेश को निकालने में तीन दिन का सयम लगा परन्तु एनडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस विभाग की ओर से थाना प्रभारी दयाराम ठाकुर व एसडीएम संजीव धीमान द्वारा घटनास्थल पर पूरी जिम्मेवारी से अपना फर्ज निभाने के लिए लोगों ने दयाराम ठाकुर व एसडीएम संजीव धीमान की जमकर प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि एसडीएम व थाना प्रभारी स्वयं एनडीआरएफ की टीम के साथ देर रात तक जुटे रहे व अगली सुबह भी वह सबसे पहले घटनास्थल पर नज़र आते रहे। लोगों ने एनडीआरएफ, थाना प्रभारी दयाराम ठाकुर, डीएसपी योगेश रोल्टा व एसडीएम संजीव धीमान का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अथक प्रयासों से नरेश को बचाने की हर सम्भव कोशिश की।