कोरोना काल मे डेंटिस्ट के पास जाने से डर रहे हैं मरीज, इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने जारी किए दिशा निर्देश

विस्तार से जानकारी दे रहे हैं आईजीएमी शिमला के पीडियाट्रिक डेंटल सर्जन डॉ दीपक चौहान

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से ना केवल रुटीन लाइफ प्रभावित हुई है बल्कि कोई अन्य तकलीफ होते हुए भी लोग हॉस्पिटल जाने में डर रहे हैं। यह बात खासतौर पर उन मरीजों पर लागू हो रही है, जिन्हें डेंटिस्ट यानी दांतों के डॉक्टर से इलाज कराना है I
डेंटिस्ट के पास जाने में पेशंट इसलिए अधिक डर रहे हैं क्योंकि संक्रमण का सबसे अधिक खतरा चिकित्सा क्षेत्र के इसी विभाग में है। ऐसे में मरीजों और डॉक्टर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंडियन डेंटल असोसिएशन द्वारा गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। इन गाइडलाइन्स को फॉलो करते हुए यदि ट्रीटमेंट लिया जाए और दिया जाए तो CoronaVirus के फैलने का खतरा नहीं रहता है। इनमें कुछ बातें पेशंट्स को भी ध्यान रखनी होंगी।
pediatric dental surgeon dr Deepak Chauhan (IGMC) ने इस बारे में विस्तार से बात की। कोरोना में ओरल हाइजीन मेंटेन करने का तरीका बताया।
डॉक्टर चौहान का कहना है कि अपने डॉक्टर के पास जाने से पहले बेहतर होगा कि आप उनसे फोन पर बात करें, अपनी समस्या बताएं और वह जो भी सुझाव आपको दें आप उसे फॉलो करें। अगर ऐसा संभव नहीं है तो नजदीक में ही किसी डॉक्टर को दिखाएं। जब तक और जितना हो सके हॉस्पिटल जाने से बचें।
अगर आराम ना हो तो आप क्लिनिक जाए।
अगर आपको ओरल हाइजीन का ध्यान रखने और डॉक्टर से कंसल्ट करके ली गई मेडिसिन्स खाने से आराम नहीं मिल रहा है। तभी हॉस्पिटल जाएं। इस स्थिति में हॉस्पिटल जाने से पहले फोन करके अपॉइंटमेंट जरूर लें।
-ताकि हॉस्पिटल में अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके साथ ही आपको भी असुविधा ना हो। इस बात का ध्यान रखें कि क्लिनिक में एपीजी और नॉन एपीजी ट्रीट्मेंट देने के बाद क्लिनिक को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है।
-साथ ही दो पेशंट के बीच कम से कम 1 घंटे का गैप दिया जा रहा है। इस कारण डेंटिस्ट्स एक दिन में सीमित मरीज ही देख रहे हैं। ताकि मरीज और डॉक्टर दोनों कोरोना वायरस से सुरक्षित रहें। इसलिए बेहतर है कि आप पहले अपॉइंटमेंट लें और फिर जाएं।
इंडियन डेंटल असोशिएशन द्वारा कोरोना को ध्यान में रखते हुए मरीज और डॉक्टर की सुरक्षा के लिए कुछ नए नियम जोड़े गए हैं, इस कारण इलाज के तरीके में थोड़ी-सा बदलाव हुआ है। इसे मोडिफाइ किया गया है।
-क्लिनिक में एंट्री से पहले पेशंट की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
-चेकअप के लिए चेयर पर लेटाने से पहले माउथ वॉश और माउथ क्लिनर का उपयोग कराया जा रहा है ताकि viral load कम किया जा सके।
-सेनिटाइजर या किसी दूसरे मेडिकेटेड ऑइनमेंट से पहले फेस को वाइप किया जा रहा है।
-चेयर पर लेटाने के बाद पेशंट को ड्रेप किया जाएगा ताकि पेशंट और डॉक्टर का किसी तरह का टच ना हो।
– इसके बाद डॉक्टर पीपीई किट पहनकर, सर्जिकल ग्लव्स और मास्क के साथ ही पेशंट का चेकअप करता है।
यह भी पढ़ें: भाजपा मंडल आनी ने की 28 ग्राम केंद्र अध्यक्षों की घोषणा

एक घंटे बाद अगला मरीज

Ads

-एक पेशंट के चेकअप के बाद पूरे रूम को और वहां रखी हर चीज को सोडियम हाइपो क्लोराइड के सॉल्यूशन से सैनिटाइज किया जाता है।
-दो मरीजों के बीच 1 घंटे का गैप रखा जाता है। ताकि किसी भी वजह से यदि कोरोना के एयरोसोल रूम की हवा में आ गए हों तो खत्म हो जाएं।
कोरोना से बचाव के लिए हर किसी को हाइजीन का पूरा ध्यान रखना है। यह बात दांत का इलान करानेवाले मरीजों पर भी लागू होती है। लेकिन यहां आपको यह बात जान लेनी चाहिए कि जिन लोगों को आरसीटी करानी है या कोई सर्जिकल संबंधित इश्यू है तो जितना हो सके आप फिलहाल इसे कराने से बचें।
-रुट कैनाल और क्राउन कटिंग और स्केलिंग जैसे प्रसीजर एजीपी एरोसोल जनरेटेड प्रसीजर हैं, जिन्हें हमेशा ही हाईजीन को ध्यान में रखकर किया जाता है। लेकिन कोरोना के कारण इसमें और अधिक सख्ती की जा रही है।

इन्हें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं

-वहीं, नॉन एजीपी प्रसीजर में फिलिंग और बिना सर्जरी दांत निकलवाना शामिल है। इस तरह की कोई दिक्कत है तो आप बिना कोई इंतजार किए ही इनका ट्रीटमेंट करा सकते हैं।
-आरसीटी या रूट कैनाल की स्थिति में पहले पेशंट का कोविड टेस्ट करा लिया जा रहा है ताकि आनेवाले समय में पेशंट और डॉक्टर को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो।

घर में अपनाएं ये टिप्स

-डॉक्टर दीपक चौहान का कहना है कि ओरल हाइजीन को बनाए रखने के लिए और आनेवाले समय में किसी भी तरह की दांत संबंधी समस्या से बचने के लिए आप घर पर ओरल हाइजीन का ध्यान रखें। इसके लिए इन तरीकों को अपना सकते हैं…
-गुनगुने पानी मे नमक डालकर कुल्ला करें
-कोई समस्या होने पर डॉक्टर की बताई दवाई ही लें
-मेडिकेडेट क्रीम या ऑइनमेंट जो भी आपके डॉक्टर ने दिया हो उसी का उपयोग करें।
-सुबह के समय और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें।
-जिन्हें पहले से ही कैविटी की समस्या है या दांतों में सेंसेशन की दिक्कत है तो कुछ भी मीठा खाने के बाद तुरंत दांत साफ करें।
-दांतों में झंझनाहट या सेंसेटिविटी की स्थिति में बहुत गर्म और बहुत ठंडी चीजों का उपयोग ना करें। जैसे आइसक्रीम, चिल्ड वॉटर और कोल्ड ड्रिक्स आदि ना पिएं। साथ ही चाय या दूध भी बहुत गर्म ना पिएं।
 
-यह विशेष लेख डॉक्टर दीपक चौहान से बातचीत पर आधारित है। डॉ चौहान बीडीएस, एमडीएस हैं और बतौर सीनियर कंसल्टेंट हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज शिमला में पिछले दस सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।