आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला । कोटी सहकारी सभा में मशीने खराब होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राश्न न मिलने से इस क्षेत्र के लोगों को बहुत परेशानी पेश आ रही है । कोटी गांव के वरिष्ठ नागरिक डॉ. विश्वबंधु जोशी, टिप्पर पंचायत के चेतराम, उप प्रधान राजाराम, जीतराम सहित अनेक लोगों ने बताया कि उनके द्वारा पिछले एक सप्ताह से सरकारी डिपो कोटी से राशन लेने के लिए बार बार आना पड़ रहा है परंतु डिपो होल्डर के अनुसार मशीने कार्य नहीं कर रही है जिस कारण लोगों को पीडीएस का राशन नहीं मिल रहा है । डिपो प्रभारी जगत राम का कहना है कि सरकार द्वारा ओटीपी से भी खाद्यान्न वितरित करने बारे भी निर्देश दिए गए है लेकिन लोगों ने अपनी सुविधानुसार घर के किसी व्यक्ति का मोबाईल नंबर डिजिटल राशनकार्ड में एड करवाया है और राशन लेने घर से कोई और ही आता है जिस कारण संबधित व्यक्ति पीडीएस राशन लेने से वंचित रह जाता है ।
डॉ. विश्वबंधु जोशी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते जिस प्रकार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा ब्रायोमेट्रिक सिस्टम अपनाया जा रहा है वह अपने आप में बहुत जोखिम भरा कार्य है जिससे संक्रमण फैलने की संभावनाएं काफी प्रबल हो जाती है । दूसरी ओर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इस बात को मानने को तैयार नहीं है । इनका कहना है कि डिपो में रखी गई पॉस मशीनें भी ठीक से कार्य नहीं करती है । सरकार ने पीडीएस के राशन में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बायोमिट्रिक प्रणाली आरंभ की है परंतु इस प्रणाली से लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है दूसरी और डिपो होल्डर कोरोना वारियर की तहत दिन रात कार्य कर रहे है ओर इनकों सरकार द्वारा पीडीएस राशन बांटने के एवज में बहुत कम कमीशन देती है ।
डॉ. विश्वबंधु जोशी का कहना है कि सहकारी सभा कोटी के तहत 760 राशन कार्ड बने है और कोटी पंचायत के अतिरिक्त पधेची, ठूंड, भरांडी इत्यादि पंचायतों की करीब साढ़े तीन हजार जनता को राशन मिलता है । डॉ0 जोशी, चेतराम, जीतराम, राजाराम सहित अनेक लोगों ने सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना संक्रमण केे चलते बायोमिट्रिक प्रणाली को बंद किया जाए ताकि कोरोना संक्रमण फैलने पर अंकुश लग सके । डीएफएससी शिमला पूर्ण चंद ने दूरभाष नहीं उठाया जबकि निरीक्षक रंजना सूद का कहना है कि मशीने ठीक कर दी गई है और अब सभी बायोमिट्रिक मशीनों में सर्वर रिस्टोर कर दिया गया है ।