खेल में दायरों से बाहर अन्य क्षेत्र में प्रशिक्षण की जरूरत, साइकलिंग क्षेत्र में है काफी संभावनाएं: अनुराग ठाकुर

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The Union Minister for Information & Broadcasting, Youth Affairs and Sports, Shri Anurag Singh Thakur holding a press conference on Cabinet Decisions, in New Delhi on July 22, 2021.

शिमला: कुछ रोज पहले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में साइकलिंग और माउंटेनियरिंग बाइकिंग के क्षेत्र में देश के पहले साई SAI इंस्टिट्यूट को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम लिया गया जिसके बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद और मौजूदा वक्त में केंद्र में सूचना एवं प्रसारण और खेल तथा युवा मामलों के मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे अनुराग ठाकुर ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “भारत का टोक्यो ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है और हम कुछ क्षेत्रों में अच्छा कर रहे हैं। समय आ गया है कि हम अपने दायरे का विस्तार करें और अन्य क्षेत्रों में ओलंपिक के लिए खिलाडियों को प्रशिक्षित करें जहां भारतीय एथलीट अपनी क्षमता दिखा रहे हैं और जहां हम ओलंपिक में समग्र रूप से सुधार करने के लिए अधिक पदक प्राप्त कर सकते हैं। साइकिलिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहां काफी संभावनाएं हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से शिमला में स्थापित यह पहला साई एनसीओई (राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र) वर्ष 2028 के लिए एमटीबी और बीएमएक्स के क्षेत्रों में तैयारी कर रहे भारतीय साइकिलिंग खिलाडियों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और कोचिंग प्रदान करेगा। यह भारत की खेल क्षमता को बढ़ाने के लिए एक कदम है और हम आने वाले वर्षों में इसके परिणाम देखेंगे ।”

इस साई एनसीओई की स्थापना के साथ, हिमाचल भारत में एमटीबी और बीएमएक्स प्रशिक्षण का पथप्रदर्शक बन गया है और दो साइकिलिंग विषयों के लिए भविष्य की विश्व चैंपियनशिप के लिए एक संभावित स्थल बन गया है। ओलंपिक स्तर की तैयारियों के लिए लगभग 200 साइकिल चालकों को प्रशिक्षित करने की क्षमता वाले एनसीओई में 1 एक्ससीओ ओलंपिक स्तर ट्रैक, विशेष सुविधाओं के साथ 1 प्रशिक्षण ट्रैक, 1 बीएमएक्स ट्रैक, 1 अत्याधुनिक इनडोर व्यायामशाला, वर्चुअल प्रशिक्षकों के साथ एक इनडोर सेटअप, 100 एथलीट, कोच और सहायक कर्मचारियों के लिए छात्रावास की सुविधा भी होगी। इसके अलावा इनडोर रिकवरी पूल, स्ट्रीम और सौना, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग हॉल, बायोमेच लैब, फिजियोथेरेपी, एंथ्रोपोमेट्री जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ खेल विज्ञान के लिए यह एक हाई परफॉर्मेंस सेंटर होगा। यहां पर एथलीटों के प्रशिक्षण के दौरान उपयोग होने वाले ब्रीथ और लैक्टिक एनालाइजर्स, हार्ट रेट मॉनिटर, ट्रेडमिल, साइकिल एर्गोमीटर जैसे महंगे उपकरण भी उपलब्ध होंगे।

बताते चलें इसी वर्ष 23 मार्च को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ इस विश्वस्तरीय सुविधा को स्थापित करने के लिए केंद्र और राज्य के बीच सहयोग को औपचारिक रूप दिया गया।