प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद भी क्लीयर नहीं निजी बस ऑपरेटर संघ

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल में सरकारी की ओर से बसों को चलाने को लेकर जारी अधिसूचना के बाद भी निजी बस आॅपरेटर संघ में अभी भी संशय बना हुआ हैं कि जारी अधिसूचना में बस में कितनी सवारियां बिठाई जाएं। संघ का आरोप हैं कि यदि बस में कोई कोरोना पॉज़िटिव आ जाता है,तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। संघ के महासचिव रमेश कमल का कहना हैं कि सरकार की अधिसूचना में जहां एक ओर तो सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की बात स्पष्ट की गई हैं तो वहीं दूसरी ओर यह समझ नहीं आ रहा हैं कि बसों में कितनी सवारियां बिठाई जाएं जिससे सोशल डिस्टेंस बरकरार रह सके।

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नाहनए देहरा और मंडी में निजी बसों में कोरोना सक्रंमित मरीज आ चुके हैं। ऐसे में निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार व परिवहन विभाग से मांग की है कि जल्द ही इस स्थिति को स्पष्ट किया जाएं कि 52 सीटर बसों में कितनी सवारियां बैठ सकती हैं। वहीं, 42, 32 या 37 सीटों वाली बस में कितनी सवारियां बिठाई जा सकती हैं। निजी बस आॅपरेटर संघ ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा हैं कि कांग्रेस पार्टी बसों के 25 फीसदी किराए बढ़ाए जाने को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं तो ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह से अवहेलना की जा रही हैं और कांग्रेस अपनी राजनीति को चमकाने में लगी है।
हिमाचल प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि कांग्रेस का आरोप बिल्कुल ही बेबुनियाद है कि निजी बस मालिकों के दबाव में सरकार ने कोई गलत फैसला लिया है, जबकि सच तो यह हैं कि प्रदेश सरकार ने निजी बस आॅपरेटरों को कोरोना महामारी के दौरान चल रहे घाटे से उभरने में थोड़ी राहत दी हैं और साथ ही एचआरटीसी को भी इससे काफी फायदा हुआ है।