राज्य में 4300 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान, प्रत्येक चिकित्सा खंड में हाईटेक अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। लोगों के सामान्य शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य देखभाल एक महत्वपूर्ण निर्धारक माना जाता है। यह देश की अर्थव्यवस्था, विकास और औद्योगीकरण में महत्वपूर्ण योगदान अदा करता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में 4300 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं, जिसमें सरकारी क्षेत्र में छह चिकित्सा महाविद्यालय, एक निजी क्षेत्र में और बिलासपुर में एम्स शामिल है।
प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार के निकट विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक चिकित्सा खंड में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हाईटेक अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को अपने उपचार के लिए जिला अस्पताल या अन्य बड़े अस्पतालों में न जाना पड़े।
इन सभी अस्पतालों में 50 से 100 बिस्तरों की क्षमता और पर्याप्त पैरा-मेडिकल स्टाफ और उच्च डायग्नोस्टिक लैब वाले विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे। इसके अलावा, धर्मशाला, किन्नौर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, मनाली, कुल्लू और मंडी के अस्पतालों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालयों में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे। मरीजों को सर्वोत्तम आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए इन स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त कर्मचारी, विशेषज्ञ डॉक्टर, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर और सहायक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में 4300 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं, जिसमें सरकारी क्षेत्र में छह चिकित्सा महाविद्यालय, एक निजी क्षेत्र में और बिलासपुर में एम्स शामिल है।
प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार के निकट विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक चिकित्सा खंड में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हाईटेक अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को अपने उपचार के लिए जिला अस्पताल या अन्य बड़े अस्पतालों में न जाना पड़े।
इन सभी अस्पतालों में 50 से 100 बिस्तरों की क्षमता और पर्याप्त पैरा-मेडिकल स्टाफ और उच्च डायग्नोस्टिक लैब वाले विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे। इसके अलावा, धर्मशाला, किन्नौर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, मनाली, कुल्लू और मंडी के अस्पतालों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालयों में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे। मरीजों को सर्वोत्तम आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए इन स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त कर्मचारी, विशेषज्ञ डॉक्टर, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर और सहायक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
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चिकित्सकों के कौशल उन्नयन करने तथा उन्हें बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए देश के प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ उनके लिए एक्सपोजर विजिट आयोजित किए जाएंगे।
राज्य में स्वास्थ्य अधोसंरचना के उन्नयन और निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में सहारा और हिमकेयर योजनाओं के सुचारू कार्यान्यन के लिए राज्य सरकार ने 900 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की हैं। इससे प्रदेश के लोगों को गंभीर बीमारी में निःशुल्क उपचार की सुविधा सुनिश्चित होगी।
सरकार ने नाहन, चंबा और हमीरपुर में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की निष्पादन एजेंसियों को इन परियोजनाओं का समयबद्ध पूर्ण करने निर्देश दिए हैं ताकि राज्य के लोगों को शीघ्र बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
हाल ही में मुख्यमंत्री ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर का दौरा कर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यह परियोजना समय पर पूरी हो। उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल को नवीनतम तकनीक से लैस कर राज्य के आदर्श स्वास्थ्य संस्थान का रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर में एक नर्सिंग कॉलेज भी खोला जाएगा।
राज्य में स्वास्थ्य अधोसंरचना के उन्नयन और निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में सहारा और हिमकेयर योजनाओं के सुचारू कार्यान्यन के लिए राज्य सरकार ने 900 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की हैं। इससे प्रदेश के लोगों को गंभीर बीमारी में निःशुल्क उपचार की सुविधा सुनिश्चित होगी।
सरकार ने नाहन, चंबा और हमीरपुर में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की निष्पादन एजेंसियों को इन परियोजनाओं का समयबद्ध पूर्ण करने निर्देश दिए हैं ताकि राज्य के लोगों को शीघ्र बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
हाल ही में मुख्यमंत्री ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर का दौरा कर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यह परियोजना समय पर पूरी हो। उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल को नवीनतम तकनीक से लैस कर राज्य के आदर्श स्वास्थ्य संस्थान का रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर में एक नर्सिंग कॉलेज भी खोला जाएगा।