पंजाब ने नाबार्ड के 1022 करोड़ रुपए के प्रोजेक्टों को दी प्राथमिकता: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव विनी महाजन
मुख्य सचिव विनी महाजन
714.15 करोड़ रुपए के चार प्रोजैक्टों को मंज़ूरी, विभाग को फंड का सही ढग़ से प्रयोग करने और प्रोजैक्टों के अमल में तेज़ी लाने की हिदायत
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंडीगढ़। राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास को और बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि पंजाब ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास फंड (आर.आई.डी.एफ.) के अधीन कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) के 1,022 करोड़ रुपए के प्रोजैक्टों को प्राथमिकता दी है।
नाबार्ड से फंड प्राप्त अलग-अलग प्रोजैक्टों की प्रगति की समीक्षा के लिए उच्च-स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि यह प्रोजैक्ट चालू वित्तीय वर्ष के दौरान ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित बनाएंगे।
प्रगति अधीन आर.आई.डी.एफ. प्रोजैक्टों की समीक्षा करते हुए महाजन ने सभी प्रशासनिक विभागों को नाबार्ड से प्राप्त फंड का सही ढंग से प्रयोग करने और इन प्रोजैक्टों के अमल में तेज़ी लाने के निर्देश भी दिए, जिससे इसका लाभ योग्य लाभार्थियों तक पहुँचाना सुनिश्चित बनाया जा सके।
राज्य में चल रहे बुनियादी ढांचा प्रोजैक्टों की प्रगति का जि़क्र करते हुए नाबार्ड, पंजाब के मुख्य जनरल मैनेजर डॉ. राजीव सिवाच ने बताया कि आर.आई.डी.एफ. से 714.15 करोड़ रुपए की सहायता वाले चार प्रोजैक्टों को नाबार्ड द्वारा पहले ही मंज़ूरी दी जा चुकी है और राज्य द्वारा पेश किए गए दो अन्य प्रोजैक्ट मंज़ूरी की प्रक्रिया अधीन हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की अच्छी कारगुज़ारी को ध्यान में रखते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए आर.आई.डी.एफ.-ङ्गङ्गङ्कढ्ढढ्ढ के लिए अलॉटमैंट 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 750 करोड़ रुपए कर दी गई है।
मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक विभागों को फंड का अधिक से अधिक प्रयोग और विभिन्न क्षेत्रों ख़ासकर शिक्षा, सिंचाई, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता, सार्वजनिक कार्यों (सडक़ों और पुलों), स्वास्थ्य, गोदामों के निर्माण, सोलर वाटर पम्पिंग यूनिट की स्थापना, भूमि और पानी के संरक्षण को सही अर्थों में सुनिश्चित बनाने के लिए कहा।
उन्होंने बताया कि राज्य ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक आर.आई.डी.एफ. के अधीन 265.72 करोड़ रुपए की सहायता प्राप्त की है और इस साल के दौरान 560.2 करोड़ रुपए के निश्चित लाभ प्राप्त करने की उम्मीद जताई।
मीटिंग के दौरान आरआईडीएफ प्रोजैक्टों के अलावा सूक्ष्म सिंचाई कोष, वेयरहाऊसिंग बुनियादी ढांचा कोष, फूड प्रोसेसिंग फंड और डेयरी विकास बुनियादी ढांचा फंड के अधीन प्रोजैक्टों की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
मीटिंग में अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव सरवजीत सिंह (जल संसाधन), के.ए.पी. सिन्हा (वित्त), के. सिवा प्रसाद (सहकारिता), विकास प्रताप (पी.डब्ल्यू.डी), आलोक शेखर (स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा), जसप्रीत तलवाड़ (जल आपूर्ति एवं स्वच्छता) और कृष्ण कुमार सचिव स्कूल शिक्षा भी उपस्थित थे।
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