आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सिरमौर। राजगढ़ के समीप रूग गांव के समीप बीती रात एक आगजनी का दर्दनाक हादसा पेश आया है । इस दिल दहला देने वाली आगजनी की घटना में एक महिला और सात बकरियां झौंपड़ी में जिंदा जल गई है । पुलिस सूत्रों के अनुसार रूग शिरगली के रहने वाले देवेन्द्र ने गर्मियों के लिए सेर जंगल में अपने घोड़ों और बकरियों के लिए घास और लकड़ी की टहीनियों की झौंपड़ी अथवा छान बनाई हुई थी जिस पर तिरपाल लगाई हुई थी ं । इस छान में स्वयं देवेन्द्र व उसकी पत्नि मेंहदी देवी भी अस्थाई रूप से रह रहे थे । बीती रात करीब आठ बजे जैसे की मेंहदी (33 साल ) स्नान करके अंदर झोंपड़ी में टीन की अंगीठी में आग सैंक रही थी । मेंहदी ने गलती से अंगीठी का ढक्कन उठाया । अंगीठी से निकली लपटों से साईड में घास में आग लग गई । अंगीठी का ढक्कन उठाते ही तेज लपटों से घास में आग बड़ी तेजी के साथ फैल गई और पूरी झौंपड़ी में धुआं हो गया ।
बताया जा रहा है कि इस छान एक घोड़ा भी था जोकि बिदक कर बाहर निकल गया । मेंहदी और बकरियां आग की चपेट में आ गई । मेंहदी झौंपड़ी के भीतर चीख पुकार करती रही परंतु आग की तेज लपटों के कारण मेंहदी का पति देवेन्द्र अंदर प्रवेश नहीं कर सका जबकि उसने अंदर जाने का भरसक प्रयास किया । जब तक गांव के लोग मदद को आए तक तक मेंहदी की आग से झुलस कर मौत हो गई थी और साथ ही सात बकरियां भी जलकर मर चुकी थी । आगजनी की सूचना मिलते ही एसडीएम राजगढ़ राजकुमार ठाकुर, तहसीलदार उमेश शर्मा पुलिस दलबल सहित मौके पर पहूंच गए परंतु तब तक झौंपड़ी राख हो चुकी थी ।
राजगढ़ पुलिस द्वारा मेंहदी के शव को कब्जे में ले लिया गया । जिसके शव का शुक्रवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया । तहसीलदार राजगढ़ उमेश शर्मा ने बताया कि मृतक के परिजनों को 25 हजार की फौरी राहत मौके पर प्रदान कर दी गई है । पुलिस थाना में मामला दर्ज कर दिया गया है और पुलिस आगजनी की इस घटना की गहनता से जांच कर रही है ।