शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची एक कुशल, पारदर्शी और निर्भीक ब्यूरोक्रेट के रूप में पहचाने जाते थे, लेकिन उनको भाजपा सरकार के राजनीतिक दबाब के चलते पद से हटाना और उसके बाद उनका एकाएक इस्तीफ़ा देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं, यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने प्रेस में ज़ारी एक बयान में कहीं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि इससे पहले अनिल खाची के लंबे प्रशासनिक अनुभव का लाभ प्रदेश को मिल पाता भाजपा सरकार की तानाशाही और अत्याधिक राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते स्वाभिमान की रक्षा के लिए मुख्य सचिव को रिटायरमेंट से दो वर्ष पूर्व ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे थे जो भाजपा की विवेकहीन सरकार को अखर रहा था। उन्होंने कहा कि अनिल खाची जिला शिमला के कुमारसैन क्षेत्र से संबंध रखते हैं और केंद्र में भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। उनके जनहित,निष्पक्ष और पारदर्शी प्रशासनिक सेवाकाल के चलते उनका नाम देश के 50 ईमानदार प्रशासनिक अधिकारियों की सूची में दर्ज हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि जयराम सरकार के लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में जहां जिला शिमला के साथ सौतेला व्यवहार हुआ हैं वहीं अब जिला शिमला से संबंध रखने वाले मुख्य सचिव को हटाना भाजपा की जिला शिमला के प्रति एक और नकारात्मक सोच को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के अभी तक के लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में जिला शिमला की हर क्षेत्र में अनदेखी हुई हैं, सड़को के निर्माण के लिए CRF के तहत प्रदेश को ₹941 करोड़ मिलें जिसमें जिला शिमला को मात्र ₹8.37 करोड़ जबकि मंडी जिला में मुख्यतः धर्मपुर और सिराज को ₹509 करोड़ आबंटित हुए। जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्षों में प्रदेश को ₹938 करोड़ की राशि प्राप्त हुई जिसमें से धर्मपुर और सिराज विधानसभा क्षेत्र को 444 करोड रुपए आबंटित किए गए जबकि जिला शिमला में मात्र 16.5 करोड रुपए के टेंडर ही लग पाएं। इसी तरह वर्ल्ड बैंक फेस 2 के तहत प्रदेश को ₹770 करोड रुपए प्राप्त हुए जिसमें जिला शिमला की एक भी सड़क नहीं डाली गई जो की भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा की कोरोना काल में जयराम सरकार की नकारात्मक मानसिकता के चलते जिला शिमला के कई स्वास्थ्य संस्थान बन्द किए गए। उन्होंने कहा इतना ही नहीं अब जयराम सरकार प्रदेश के दूरदराज ग्रामीण इलाक़ो में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खोली गई उचित मूल्यों की 63 दुकानों को बन्द करने जा रहीं हैं जिसमें जिला शिमला की सर्वाधिक 46 दुकानें शामिल हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा के उदासीन रवैये के चलते कार्टन के दाम 25% तक बढ़ गए और इसके साथ ही बागवानों को पौध संरक्षण केंद्रों में उपदान पर मिलने वाली कीटनाशक और फफूंदनाशक दवाइयों को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित ₹1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट को भी ठंडे बस्ते में डालने के लिए भाजपा सरकार ने हरसंभव प्रयास किया। रोहित ठाकुर ने कहा कि जयराम सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश पर ₹65000 करोड़ के कर्ज़ का आंकड़ा भी पार हो चुका हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को बदलने से पूरी प्रशासनिक व्यवस्था का मनोबल गिरा हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में 6 मुख्य सचिव बदल चुकी हैं जिसमें प्रदेश से संबंधित वीसी फ़ारका और अनिल खाची को तो रिटायरमेंट से पूर्व बदला गया।