ड्राइवर अपने रिस्क पर लाते हैं बसें, पहले हुए छह हादसों में से एक में गई थी HRTC बस चालक की जान
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रोहड़ू। एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में देश में कुल 4,03,116 सड़क हादसे हुए, जो 2020 में हुए 3,54,796 सड़क हादसों से 48,320 अधिक हैं। वहीं मृतकों की संख्या 2020 के 1,33,201 की तुलना में 1,55,622 पर पहुंच गई। इन हादसों के लिए अधिकतर ओवर स्पीड, ड्राइवर की लापरवाही, नशे की हालत में गाड़ी चलाना, सीट बेल्ट न लगाना के अलावा कई कारण रहते हैं। लेकिन इन सब के बीच बात ग्रामीण इलाकों की करें तो वहां अधिकतर हादसों के पीछे का कारण सड़कों की खराब हालत रहता है। #हिमाचल के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की दयनीय हालत हर रोज अनगिनत दुर्घटनाओं को न्यौता देती है। हमारी जीवन रेखा कहलाने वाली सड़कें सही रख-रखाव के अभाव में कब खूनी बन जाती हैं पता भी नहीं चलता।
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आज बात कर रहे हैं शिमला जिला के रोहड़ू उपमंडल की। यहां से महज 13 किलोमीटर की दूरी पर अन्द्रेवठी-नावलीधार सड़क की खस्ता हालात कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। हालत का अंदाजा इसी बात से लगाएं कि इस रूट पर काफी लंबे समय से एक पुल के टूटने के कारण इस रूट को मचोती से डाइवर्ट कर दिया गया है। इस सड़क से परिवहन निगम की बसों के अलावा छोटे छोटे मासूम बच्चों को लाने-छोड़ने के लिए तीन से चार स्कूली बसें भी गुजरती है। इसके अलावा छोटी गाड़ियों की संख्या तो अनगिनत है।
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इस सड़क के किनारे टूटे हुए हैं, जगह-जगह से डंगे गिरे हुए हैं। खीब भी कहीं से भी सड़क धस सकती है। इसके अलावा सड़क पर क्रैस बैरियर भी नहीं है। परिवहन निगम के ड्राइवर इस सड़क पर अपने रिस्क पर बसें लेकर आते हैं। स्थानीय प्रशासन व लोक निर्माण विभाग की लापरवाही कभी भी किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकते हैं।
इसी सड़क पर पहले भी 6 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी है और इन्हीं में से एक में एचआरटीसी के बस चालक पिंकू ठाकुर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।