रोहड़ू में GIZ जर्मनी द्वारा किया गया पतियों की जांच को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

रोहड़ू: इन दिनों जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में सेब सीजन ने जोर पकड़ रखा है और बागवान अपनी साल भर की फसल को मंडियों तक पहुंचाने को लेकर तैयार हैं। लेकिन सेब सीजन के साथ ही पौधे के पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट की भी शुरुआत हो जाती है और इसी को ध्यान रखते हुए रोहड़ू के बागवानी विकास अधिकारी डॉक्टर कुशल मेहता के प्रयासों से रोहड़ू में GIZ जर्मनी द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के युवा और प्रगतिशील बागवानों को पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और पतियों की जांच के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

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डॉ° जोगिंदर सिंह चंदेल,आई एम शर्मा और भाऊ सिंह ठाकुर ने बागवानों को दिया प्रशिक्षण

इस मौके पर GIZ जर्मनी की ओर से डॉक्टर जोगिंदर सिंह चंदेल, डॉक्टर आई एम शर्मा, डॉक्टर भाऊ सिंह ठाकुर के साथ एच डी ओ कुशल मेहता मौजूद रहे जिन्होंने बागवानों को पत्तियों के जांच और विश्लेषण के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया करवाई, तथा क्षेत्र के युवा व प्रगतिशील बागवानों के बगीचों का भ्रमण किया गया और प्रायोगिक रूप से प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर विशेषज्ञों ने पतियों की जांच के संबंध में पूरी विधि को बगवानों के साथ साझा किया और साथ ही साथ सेब सीजन के बाद पौधों के रखरखाव के संबंध में भी विस्तृत जानकारियां साझा की।

शर्मा ऑर्चर्ड रोहड़ू में पतियों के जांच के संबंध में प्रशिक्षण देते GIZ जर्मनी के साथ जुड़े बागवानी विशेषज्ञ

खैर समय-समय पर बागवानों को बागवानी के साथ जोड़े रखने और वैज्ञानिक रूप से जागरूक करने के लिए रोहडू में प्रशिक्षण शिविर के आयोजन किए जाते रहे हैं। और इसमें RAGA जैसे बागवानों के संगठन बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। जो ना केवल समय की आवश्यकता है बल्कि बागवानी क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में भी एक कदम है। आज रोहडू क्षेत्र में RAGA जैसे संगठन के साथ जुड़कर युवा व प्रगतिशील बागवान सेब की बागवानी को उन्नति की दिशा में लेकर जा रहे हैं।