शिमला। स्थानीय निधि लेखा समिति हिमाचल प्रदेश विधानसभा की बैठक आज यहां बचत भवन में आयोजित की गई जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य लेखा परीक्षा विभाग के तहत आने वाले विभिन्न विभागों, संस्थानों, बोर्डों, अर्द्ध-स्वायत्त निकायों, शहरी निकायों, पंचायती राज संस्थाओं और विकास प्राधिकरणों इत्यादि के अधिकारी उपस्थित रहे। इन विभागों एवं संस्थानों से संबंधित ऑडिट पैरों के बारे में विस्तृत चर्चा की। समिति के सभापति इंद्र दत्त लखनपाल तथा सदस्यों में सतपाल सिंह सत्ती, कुलदीप सिंह राठौर, डी एस ठाकुर, केवल सिंह पठानिया, और हरीश जनारथा ने अधिकारियों से ऑडिट पैरों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
इस अवसर पर सभापति इंद्र दत्त लखनपाल ने अधिकारियों को सभी लंबित ऑडिट पैरों को 31 मार्च 2024 तक निपटने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निधि लेखा समिति का आने वाले समय में व्यवस्था परिवर्तन में अहम योगदान रहेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को अगली बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति के सभी सदस्यों द्वारा इंगित किए गए विभिन्न बिंदुओं को संबंधित अधिकारी गंभीरता से लें और इनके निवारण के लिए त्वरित कदम उठाएं और इसमें किसी भी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए।
इंद्र दत्त लखनपाल ने अधिकारियों से कहा कि वह अपने-अपने विभागों एवं संस्थानों में किन्हीं कारणों से लंबे समय से खर्च नहीं हो पा रही धनराशि को तुरंत खर्च करने या इसे अन्य कार्यों के लिए डाइवर्ट करने में भी तत्परता दिखाएं, ताकि इस पैसे का सदुपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि सरकारी धनराशि की एफडी के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों या प्रदेश के अपने सहकारी बैंकों को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए।