शिमला: हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में गुरुवार से शारदीय नवरात्र मेले शुरू हो गए हैं. भक्तों ने पहले नवरात्र पर मां का आशीर्वाद लेकर सबके कल्याण की कामना की. पहले दिन नंदिकेश्रव धाम चामुंडा मंदिर, ज्वालामुखी और बज्रेश्वरी मंदिरों में पूजा अर्चना और झंडा रस्म को निभाया गया. चामुंडा और ज्वालामुखी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खोल दिए गए थे, जबकि बज्रेश्वरी मंदिर में पांच बजे मंदिर खोला गया. पहले दिन कांगड़ा जिले के शक्तिपीठों में शाम तक करीब 16 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया. सभी शक्तिपीठों में कोविड-19 के तहत जारी की गई गाइडलाइन की पालना की गई.
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. सुबह आरती के बाद श्रद्धालु व स्थानीय लोग दर्शन के लिए जा सके और नवरात्रि व जागरण करने वाले माता की ज्योति अपने साथ लेकर गए. मेले के पहले दिन पूरे मंदिर परिसर व गर्भ गृह को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया गया है. मां के जयकारों से मां का दरबार गूंज उठा और पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा.
ज्वालामुखी मंदिर में सुबह विधिवत पूजा अर्चना कन्या पूजन के साथ नवरात्रों का आगाज हुआ. इसके साथ ही शहनाई वादन की धुनों के साथ झंडा रस्म की गई. पुजारी महासभा प्रधान अविनेदर शर्मा व समस्त पुजारी वर्ग ने जनता को नवरात्रों की शुभकामनाएं दीं. बता दें कि नवरात्र मेले सात से 15 अक्तूबर तक चलेंगे. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी, होमगार्ड, पुलिसकर्मी और वालंटियर तैनात किए गए हैं.
मंदिर में नारियल ले जाने पर प्रतिबंध है. पंजीकरण व थर्मल स्क्रीनिंग केबाद मास्क लगाकर ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंच रहे हैं. मिनी सचिवालय के पास बनी नई पार्किंग में श्रद्धालुओं का पंजीकरण वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या निगेटिव रिपोर्ट देखकर किया जा रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से शहर को छह सेक्टर में बांटा गया है और 50 अतिरिक्त होमगार्ड्स व्यवस्था के लिए तैनात किए गए हैं.
शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में मंदिर आयुक्त व एसडीएम अभिषेक वर्मा ने विधिवत पूजा अर्चना कर नवरात्र मेलों का शुभारंभ किया. स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी राज्य के यात्रियों ने काफी संख्या में पहुंच कर माता के दर्शन किए. मंदिर को फूलों से सजाकर आकर्षक बनाया गया है. तड़के ही श्रद्धालु माता के दर्शनों को उमड़ पड़े. मंदिर के पुजारियों ने माता की पूजा अर्चना और आरती की. मंदिर अधिकारी दिलजीत शर्मा ने बताया कि पहले नवरात्र मेले में करीब तीन हजार श्रद्धालुओं ने देवी दर्शन किए. मंदिर प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में गुरुवार को कलश स्थापना के साथ ही यज्ञशाला में गणेश वंदना, लक्ष्मी पूजन व मां भगवती की उपासना के साथ नवरात्र शुरू हुए. इस दौरान विधायक विशाल नैहरिया, एसडीएम धर्मशाला हरीश गज्जू, न्यासी मनु सूद व जीत राम ने यज्ञशाला में पूजा-अर्चना की. आरती के दौरान ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं थीं. मुख्य विद्वान पंडित ने बताया कि 51 विद्वान पंडितों के साथ संस्कृत विद्यालय के 15 छात्र भी 9 दिनों तक पूजा अर्चना करेंगे, जिसमें दो लाख 25 हजार मंत्रों का पाठ होगा. अष्टमी की रात को मां चामुंडा का नशीत पूजन होगा व 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग मां चामुंडा के चरणों में अर्पित होगा. प्रथम दिन पांच हजार श्रद्धालु मां चामुंडा के दरबार नतमस्तक हुए.